क्या भारत अगले वर्ष 50-70 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करेगा? जेफरीज की रिपोर्ट में म्यूचुअल फंड और एसआईपी की भागीदारी का जिक्र!

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क्या भारत अगले वर्ष 50-70 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करेगा? जेफरीज की रिपोर्ट में म्यूचुअल फंड और एसआईपी की भागीदारी का जिक्र!

सारांश

भारत अगले वर्ष म्यूचुअल फंड और एसआईपी की निरंतर भागीदारी से 50-70 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित कर सकता है। जेफरीज की रिपोर्ट में भारत की मजबूत आर्थिक विकास की कहानी का जिक्र है, जो इसे वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है। यह रिपोर्ट निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है।

Key Takeaways

  • भारत में म्यूचुअल फंड और एसआईपी की निरंतर भागीदारी से 50-70 अरब डॉलर का निवेश संभावित है।
  • भारत वैश्विक बाजारों में सबसे मजबूत विकास की कहानी बना हुआ है।
  • जीएसटी कटौती से खपत और लिक्विडिटी में वृद्धि की उम्मीद है।
  • स्मॉल और मिड-कैप क्षेत्र उच्च आय वृद्धि की संभावना दिखा रहे हैं।
  • आरबीआई द्वारा दरों में संभावित ढील से निवेशकों को लाभ हो सकता है।

नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी जेफरीज के अनुसार, अगले 12 महीनों में म्यूचुअल फंड और एसआईपी की निरंतर भागीदारी के चलते भारत में इक्विटी में 50-70 अरब डॉलर का नया निवेश होने की संभावना है।

फर्म ने बताया कि जबकि विदेशी निवेशकों की स्थिति कई वर्षों के निचले स्तर पर है, भारत वैश्विक बाजारों में सबसे मजबूत संरचनात्मक विकास की कहानी बना हुआ है।

अपनी हालिया 'ग्रीड एंड फियर' रिपोर्ट में, जेफरीज ने 2025 को भारतीय इक्विटी के लिए स्वस्थ समेकन का वर्ष बताया है।

ब्रोकरेज को उम्मीद है कि म्यूचुअल फंड और एसआईपी से लगातार घरेलू प्रवाह विदेशी निवेश का अधिकांश हिस्सा अवशोषित कर लेगा, जिससे बाजार को गति बनाए रखने में मदद मिलेगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आर्थिक विकास में तेजी के साथ 2026 में भारत में एक नई तेजी देखने को मिल सकती है।

इस रिपोर्ट में हाल ही में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया गया है, जिनमें जीएसटी रेट कट भी शामिल है, जिससे खपत और लिक्विडिटी में वृद्धि की उम्मीद है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा हाल ही में ब्याज दरों में कटौती से इस साल के अंत से पहले भारतीय आरबीआई द्वारा दरों में ढील दिए जाने की संभावना बढ़ गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी कटौती, आरबीआई द्वारा दरों में संभावित ढील और मजबूत कॉर्पोरेट आय का संयुक्त प्रभाव 10-15 प्रतिशत रिटर्न का लक्ष्य हासिल करने की संभावना को बढ़ा सकता है।

ब्रोकरेज ने बताया कि भारत का स्मॉल और मिड-कैप क्षेत्र, उच्च मूल्यांकन के बावजूद, लार्ज-कैप कंपनियों की तुलना में अधिक आय वृद्धि की संभावना दिखा रहा है।

नोट में उल्लेख किया गया है, "भारत का स्मॉल से मिड-कैप क्षेत्र, उच्च मूल्यांकन के बावजूद, उच्च आय वृद्धि की संभावना दिखा रहा है, जो इस स्थिति को उचित ठहराता है।"

जेफरीज के अनुसार, भारत की मजबूत घरेलू मांग के साथ कॉर्पोरेट लाभप्रदता में सुधार और सहायक नीतिगत कदमों को जोड़ने की क्षमता देश को ग्लोबल इक्विटी में सबसे आकर्षक विकास कहानी के रूप में स्थापित करती है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक स्थिरता और विकास की संभावनाएं इसे वैश्विक निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य बनाती हैं। जेफरीज की रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि सही नीतिगत कदम और मजबूत घरेलू मांग भारत को भविष्य के लिए एक कुशल निवेश क्षेत्र बना सकते हैं।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत में म्यूचुअल फंड और एसआईपी का क्या महत्व है?
म्यूचुअल फंड और एसआईपी भारत में निवेश के लिए महत्वपूर्ण माध्यम हैं, जो घरेलू निवेशकों से स्थिर प्रवाह को सुनिश्चित करते हैं।
क्या भारत में विदेशी निवेश में वृद्धि हो रही है?
हालांकि विदेशी निवेशकों की स्थिति निचले स्तर पर है, भारत में संरचनात्मक विकास के कारण भविष्य में विदेशी निवेश की वृद्धि की उम्मीद है।
जीएसटी कटौती का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी कटौती से खपत और लिक्विडिटी में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
क्या भारत का स्मॉल और मिड-कैप क्षेत्र निवेश के लिए आकर्षक है?
हां, भारत का स्मॉल और मिड-कैप क्षेत्र उच्च आय वृद्धि की संभावना दिखा रहा है, जो इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक की नीतियों का क्या असर होगा?
आरबीआई की नीतियों के तहत संभावित दरों में ढील से निवेशकों को और अधिक लाभ हो सकता है।