क्या भारत में 50 प्रतिशत मिलेनियल्स को एआई से नौकरी खोने का डर है?

Click to start listening
क्या भारत में 50 प्रतिशत मिलेनियल्स को एआई से नौकरी खोने का डर है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि भारत में मिलेनियल्स एआई के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं? यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे 50% युवा अगले 3-5 वर्षों में नौकरी खोने की संभावना महसूस कर रहे हैं। जानें इस चिंताजनक स्थिति के पीछे के कारण और समाधान।

Key Takeaways

  • 50% मिलेनियल्स को एआई के कारण नौकरी खोने का डर है।
  • कर्मचारियों का 54% मानना है कि उनकी कंपनियाँ एआई के मध्यवर्ती चरण में हैं।
  • 40% प्रतिशत कर्मचारी नौकरी छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
  • जो कंपनियाँ एआई को नहीं अपनातीं, उनमें 57% कर्मचारी असुरक्षित महसूस करते हैं।

मुंबई, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते प्रभाव के चलते भारत में 50 प्रतिशत मिलेनियल्स अगले तीन से पांच वर्षों में नौकरी खोने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। यह जानकारी सोमवार को एक नई रिपोर्ट में सामने आई है।

ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय कर्मचारी काम पर एआई के बढ़ते प्रभाव के साथ कैसे तालमेल बिठा रहे हैं।

रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि भारतभर में 54 प्रतिशत कर्मचारी मानते हैं कि उनकी ऑर्गनाइजेशन अभी एआई कार्यान्वयन के पायलट या मध्यवर्ती चरण में हैं। यह स्थिति अधिक तकनीकी और कुशल कार्य वातावरण की ओर बढ़ने का संकेत देती है।

रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से 4 कर्मचारियों को लगता है कि एआई अगले तीन से पांच वर्षों में उनकी नौकरी ले सकता है। यह चिंता किसी विशेष समूह तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी स्तर के कर्मचारियों में देखी जा रही है।

इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एआई के कारण 40 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी अपनी वर्तमान कंपनी छोड़ने की योजना बना रहे हैं। यह एचआर डिपार्टमेंट और सीनियर नेतृत्व के लिए एक गंभीर मुद्दा बन गया है।

ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया के सीईओ, बलबीर सिंह ने कहा, "जैसे-जैसे विभिन्न उद्योगों में संगठन एआई को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, नेता ऐसे उच्च-प्रभाव एआई रणनीतियाँ विकसित कर रहे हैं जो मानव क्षमताओं को बढ़ाती हैं। वर्तमान में जिन बाधाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है, वे हैं संगठनात्मक प्रतिरोध और कर्मचारियों की तैयारी।"

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिन कंपनियों ने अभी तक एआई को नहीं अपनाया है, उनमें लगभग 57 प्रतिशत कर्मचारी असुरक्षित महसूस करते हैं, जबकि एआई अपनाने के अग्रणी चरण वाली कंपनियों में यह आंकड़ा मात्र 8 प्रतिशत है।

Point of View

यह समझना जरूरी है कि एआई के बढ़ते प्रभाव से हमारे श्रमिक वर्ग में चिंता बढ़ रही है। हमें इस स्थिति को गंभीरता से लेना होगा और संभावित समाधानों की तलाश करनी होगी। देश की प्रगति के लिए यह आवश्यक है कि हम तकनीकी विकास के साथ-साथ श्रमिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत में एआई के कारण नौकरी खोने का डर किस हद तक सही है?
रिपोर्ट के अनुसार, 50 प्रतिशत मिलेनियल्स एआई के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं और मानते हैं कि उनकी नौकरी अगले तीन से पांच वर्षों में छिन सकती है।
कितने कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़ने की योजना बना रहे हैं?
रिपोर्ट में बताया गया है कि कम से कम 40 प्रतिशत कर्मचारी एआई के कारण अपनी मौजूदा कंपनी छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
कंपनियों में एआई की स्थिति क्या है?
54 प्रतिशत कर्मचारी मानते हैं कि उनकी कंपनियाँ एआई के कार्यान्वयन के मध्यवर्ती चरण में हैं।
कौन सी कंपनियाँ एआई को अपनाने में आगे हैं?
जो कंपनियाँ एआई को अपनाने के अग्रणी चरण में हैं, उनमें कर्मचारियों की असुरक्षा का स्तर 8 प्रतिशत है।