क्या भारत में ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या मई में 3.37 प्रतिशत बढ़कर 974.87 मिलियन हुई?

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क्या भारत में ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या मई में 3.37 प्रतिशत बढ़कर 974.87 मिलियन हुई?

सारांश

भारत में ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। मई 2025 में ये आंकड़े 974.87 मिलियन तक पहुंच गए हैं। क्या यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए, बल्कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है?

Key Takeaways

  • ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या मई 2025 में 974.87 मिलियन तक पहुंच गई।
  • मासिक वृद्धि दर 3.37 प्रतिशत रही।
  • शहरी उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी 54.30 प्रतिशत है।
  • ग्रामीण उपभोक्ताओं की संख्या 533.51 मिलियन हो गई।
  • निजी सेवा प्रदाताओं का बाजार हिस्सा 92.14 प्रतिशत है।

नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)| ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की कुल संख्या अप्रैल के अंत में 943.09 मिलियन से 3.37 प्रतिशत बढ़कर मई के अंत में 974.87 मिलियन हो गई। इसका मतलब है कि ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या में मासिक आधार पर 3.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह जानकारी शुक्रवार को ट्राई द्वारा जारी आंकड़ों से मिली।

मई महीने में 14.03 मिलियन ग्राहकों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के लिए अनुरोध किया। वहीं बता दें कि मई 2025 में सक्रिय वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों की संख्या 1,080.06 मिलियन थी।

कुल वायरलेस (मोबाइल + 5G एफडब्ल्यूए) ग्राहक अप्रैल 2025 के अंत में 1,166.43 मिलियन थे जो मई 2025 के अंत में बढ़कर 1,168.42 मिलियन हो गए, यानी मासिक वृद्धि दर 0.17 प्रतिशत रही।

शहरी क्षेत्रों में कुल वायरलेस उपभोक्ताओं की संख्या जो 30 अप्रैल, 2025 को 633.29 मिलियन थी वह 31 मई, 2025 को बढ़कर 634.91 मिलियन हो गई।

इस अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सदस्यता भी 533.14 मिलियन से बढ़कर 533.51 मिलियन हो गई। संचार मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, शहरी और ग्रामीण वायरलेस उपभोक्ताओं की संख्या में मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.25 प्रतिशत और 0.07 प्रतिशत रही।

भारत में वायरलेस (मोबाइल) टेली-घनत्व अप्रैल के अंत में 82.01 प्रतिशत से बढ़कर मई के अंत में 82.10 प्रतिशत हो गया।

शहरी वायरलेस टेली-घनत्व अप्रैल के अंत में 123.85 प्रतिशत से बढ़कर मई के अंत में 124.03 प्रतिशत हो गया और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण टेली-घनत्व 58.57 प्रतिशत से बढ़कर 58.58 प्रतिशत हो गया।

मई के अंत में कुल वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 54.30 प्रतिशत और 45.70 प्रतिशत थी।

आंकड़ों के अनुसार, "31 मई तक, निजी एक्सेस सेवा प्रदाताओं के पास वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक आधार का 92.14 प्रतिशत बाजार हिस्सा था, जबकि दो पीएसयू एक्सेस सेवा प्रदाताओं, बीएसएनएल और एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी 7.86 प्रतिशत थी।"

मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सेलुलर मोबाइल कनेक्शनों की संख्या अप्रैल 2025 के अंत में 69.87 मिलियन से बढ़कर मई 2025 के अंत में 73.91 मिलियन हो गई।

Point of View

बल्कि देश की आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या में वृद्धि का क्या कारण है?
बढ़ती डिजिटल सेवाओं की मांग और उपभोक्ताओं के बीच बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता के कारण यह वृद्धि हुई है।
क्या यह वृद्धि स्थायी है?
जब तक डिजिटल सेवाओं की मांग बनी रहेगी, यह वृद्धि स्थायी हो सकती है।
भारत में मोबाइल ग्राहकों की संख्या क्या है?
मई 2025 में सक्रिय मोबाइल ग्राहकों की संख्या 1,080.06 मिलियन थी।
शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं में क्या अंतर है?
शहरी उपभोक्ताओं की संख्या 54.30 प्रतिशत है जबकि ग्रामीण उपभोक्ताओं की संख्या 45.70 प्रतिशत है।
क्या बीएसएनएल और एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी कम हो रही है?
हां, इन दोनों पीएसयू एक्सेस सेवा प्रदाताओं की बाजार हिस्सेदारी 7.86 प्रतिशत है।