क्या अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत में नई कंपनियों के पंजीकरण में वृद्धि हो रही है?

सारांश
Key Takeaways
- अगस्त में 20,170 नई कंपनियों का पंजीकरण हुआ।
- एलएलपी पंजीकरण में 22 प्रतिशत की वृद्धि।
- सरकार जीएसटी में सुधार की दिशा में प्रयासरत है।
- वास्तविक जीडीपी में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि।
- कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.7 प्रतिशत रही।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ में वृद्धि के बावजूद, भारत में कारोबारी गतिविधियों की रफ्तार में तेजी देखने को मिल रही है। अगस्त में नई कंपनियों और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) के पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह जानकारी कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने प्रदान की।
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में लगभग 20,170 कंपनियों का पंजीकरण हुआ है, जो कि वार्षिक आधार पर 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह लगातार आठवां महीना है जब कंपनियों के पंजीकरण में वृद्धि हुई है। वहीं, एलएलपी पंजीकरण भी 22 प्रतिशत बढ़कर 6,939 पर पहुंच गया है। अगस्त में यह छठा महीना है जब एलएलपी पंजीकरण में वृद्धि देखी गई है।
कंपनियों और एलएलपी के पंजीकरण में वृद्धि का मुख्य कारण कारोबारी माहौल और जीडीपी ग्रोथ का अच्छा होना है।
सरकार छोटे व्यवसायों को सहायता प्रदान करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार करने पर निरंतर कार्य कर रही है। जीएसटी दरों को कम करने के लिए परिषद की बैठक बुधवार से शुरू हो चुकी है, जो कि 4 सितंबर तक चलेगी।
इस बैठक में जीएसटी के ढांचे को दो स्तरीय टैक्स स्लैब में तब्दील करने पर चर्चा की जाएगी। इससे अनुमानित 150 से अधिक प्रोडक्ट्स पर जीएसटी दरों में कमी आने की संभावना है।
एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून अवधि में देश की वास्तविक जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की वास्तविक जीडीपी 44.42 लाख करोड़ रुपए से 7.8 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों की वास्तविक जीवीए ग्रोथ 3.7 प्रतिशत रही है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 1.5 प्रतिशत थी।
द्वितीय क्षेत्र की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत रही है, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग की विकास दर 7.7 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन की विकास दर 7.6 प्रतिशत रही है।
तृतीय क्षेत्र, जिसमें सर्विसेज शामिल हैं, की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 9.3 प्रतिशत रही है।