क्या भारत से रूस जाने पर अब निःशुल्क ई-टूरिस्ट वीजा मिलेगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और रूस ने ई-टूरिस्ट वीजा का निःशुल्क समझौता किया है।
- यह वीजा 30 दिनों के लिए मान्य होगा।
- श्रम गतिशीलता पर भी समझौता हुआ है।
- 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य।
- इस समझौते से दोनों देशों के बीच संबंधों में मजबूती आएगी।
नई दिल्ली, ५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और रूस ने एक-दूसरे के नागरिकों को निःशुल्क ई-टूरिस्ट वीजा जारी करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। यह जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद जारी किए गए संयुक्त बयान में साझा की गई।
संयुक्त बयान में स्पष्ट किया गया है कि भारत और रूस एक-दूसरे के नागरिकों को निःशुल्क आधार पर ३०-दिवसीय ई-पर्यटक वीजा देने पर सहमत हुए हैं।
इसके अतिरिक्त, दोनों देशों के बीच श्रम गतिशीलता पर भी एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है, जो एक देश के नागरिकों की दूसरे देश में अस्थायी श्रम गतिविधियों से संबंधित है।
साथ ही, नियमित माइग्रेशन से निपटने के लिए सहयोग हेतु एक और समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
यह समझौता भारत और रूस के बीच हुए १६ समझौतों में से एक है, जो रक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति और मीडिया के क्षेत्रों में किए गए हैं।
संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय व्यापार को २०३० तक १०० अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-रूस बिजनेस फोरम में भी हिस्सा लिया।
अपने संबोधन में, पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन और मैंने २०३० तक द्विपक्षीय व्यापार को १०० अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन का इस कार्यक्रम में इतने बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ शामिल होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं सभी का हृदय से स्वागत करता हूँ। इस फोरम में शामिल होकर अपने विचार साझा करना मेरे लिए खुशी की बात है। मैं अपने दोस्त राष्ट्रपति पुतिन के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच फ्री ट्रेंड एग्रीमेंट (एफटीए) पर चर्चा शुरू हो गई है। चाहे व्यापार हो या कूटनीति, किसी भी साझेदारी की नींव आपसी विश्वास है। यही विश्वास भारत-रूस संबंधों की सबसे बड़ी ताकत है।
पीएम मोदी ने कहा, "राष्ट्रपति पुतिन और मैंने २०३० तक द्विपक्षीय व्यापार को १०० अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन कल से राष्ट्रपति पुतिन के साथ मेरी बातचीत और जो संभावनाएँ हम देख रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि हमें २०३० तक इंतज़ार करना पड़ेगा। हम उस लक्ष्य को तय समय से पहले पूरा करने के इरादे के साथ आगे बढ़ रहे हैं और यह मेरा आत्मविश्वास बढ़ा रहा है। टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाएं कम की जा रही हैं।