क्या भारत से यात्री वाहनों का निर्यात अप्रैल-सितंबर में 18 प्रतिशत बढ़ा?

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क्या भारत से यात्री वाहनों का निर्यात अप्रैल-सितंबर में 18 प्रतिशत बढ़ा?

सारांश

भारत में यात्री वाहनों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस रिपोर्ट में जानें कि किस प्रकार भारत ने वैश्विक बाजारों में अपनी स्थिति मजबूत की है, और कौन से देश भारतीय वाहनों के सबसे बड़े ग्राहक बनकर उभरे हैं।

Key Takeaways

  • भारत से यात्री वाहनों का निर्यात 18 प्रतिशत बढ़ा।
  • मारुति सुजुकी शीर्ष निर्यातक बनी।
  • महत्वपूर्ण बाजारों में मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका का योगदान।
  • अमेरिका को निर्यात में गिरावट आई है।
  • 24 देशों में निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत से यात्री वाहनों का निर्यात वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर अवधि) में सालाना आधार पर 18 प्रतिशत बढ़ा है। यह जानकारी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा साझा की गई।

इस वृद्धि का कारण मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका से आने वाली मजबूत मांग है।

वित्तीय वर्ष 26 की पहली छमाही में कुल यात्री वाहनों का निर्यात 4,45,884 यूनिट्स तक पहुँच गया है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 3,76,679 यूनिट्स था।

समीक्षा अवधि में यात्री कारों का निर्यात 12 प्रतिशत बढ़कर 2,29,281 यूनिट्स हो गया है। वहीं, यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 26 प्रतिशत बढ़कर 2,11,373 यूनिट्स हो गया है। वैन का निर्यात 36.5 प्रतिशत बढ़कर 5,230 यूनिट्स हो गया है।

मारुति सुजुकी इंडिया ने अप्रैल-सितंबर में 2,05,763 यूनिट्स वाहनों का निर्यात करके शीर्ष निर्यातक बनी रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1,47,063 यूनिट्स की तुलना में 40 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

हुंडई मोटर इंडिया ने 99,540 यूनिट्स का निर्यात किया, जो एक वर्ष पहले के आंकड़े 84,900 यूनिट्स की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है।

निसान मोटर इंडिया ने 37,605 यूनिट्स का निर्यात किया, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 33,059 यूनिट्स का था। अन्य प्रमुख निर्यातकों में वोक्सवैगन इंडिया ने 28,011 यूनिट्स, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने 18,880 यूनिट्स, किआ इंडिया ने 13,666 यूनिट्स और होंडा कार्स इंडिया ने 13,243 यूनिट्स का निर्यात किया।

सियाम ने कहा कि यह वृद्धि वैश्विक बाजारों से स्थिर मांग और निर्यात गंतव्यों में विविधता को दर्शाती है।

भारतीय वाहन निर्माताओं ने अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान 24 देशों में निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि सितंबर में उच्च टैरिफ के कारण अमेरिका को निर्यात में गिरावट आई।

रिपोर्ट में कहा गया, "बाजार विविधीकरण के स्पष्ट रुझान को दर्शाते हुए, भारतीय निर्यातकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 24 देशों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है, जबकि सितंबर में उच्च टैरिफ के कारण अमेरिका को निर्यात में गिरावट आई है।"

भारतीय वाहनों की मजबूत मांग वाले देशों में दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, टोगो, मिस्र, वियतनाम, इराक, मेक्सिको, रूस, केन्या, नाइजीरिया, कनाडा, पोलैंड, श्रीलंका, ओमान, थाईलैंड, बांग्लादेश, ब्राज़ील, बेल्जियम, इटली और तंजानिया शामिल हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय वाहन उद्योग ने वैश्विक बाजार में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। निर्यात में वृद्धि न केवल हमारे निर्माताओं की क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत से यात्री वाहनों का निर्यात क्यों बढ़ा?
भारत से यात्री वाहनों का निर्यात मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका से मजबूत मांग के कारण बढ़ा है।
कौन से प्रमुख वाहन निर्माता इस निर्यात में शामिल हैं?
मारुति सुजुकी, हुंडई, और निसान जैसे प्रमुख निर्माताओं ने उच्च निर्यात संख्या दर्ज की है।
किस प्रकार के वाहनों का निर्यात बढ़ा है?
यात्री कारों, यूटिलिटी वाहनों, और वैन का निर्यात बढ़ा है।
भारत से निर्यात किए जाने वाले देशों की सूची क्या है?
इसमें दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, और कई अन्य देश शामिल हैं।
क्या अमेरिका को निर्यात में कमी आई है?
हाँ, अमेरिका को उच्च टैरिफ के कारण निर्यात में कमी आई है।