क्या भारत-यूरोपियन यूनियन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट जल्द होगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और स्लोवेनिया के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की संभावनाएं।
- द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने की आवश्यकता।
- व्यापार, टेक्नोलॉजी और कनेक्टिविटी में सहयोग।
- 10वीं जेसीटीईसी का महत्व।
- आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने का अवसर।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और स्लोवेनिया ने इस बात की आशा व्यक्त की है कि इंडिया-यूरोपियन यूनियन के बीच जल्द ही एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की प्रक्रिया शुरू होगी, जो कि दोनों राष्ट्रों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाएगा। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में बुधवार को साझा की गई।
पिछले कई वर्षों में, भारत और स्लोवेनिया के बीच व्यापार में तेजी आई है, जो कि दोनों राष्ट्रों के बीच साझेदारी की गहराई और मजबूती को दर्शाता है।
राष्ट्रीय राजधानी में व्यापार और आर्थिक सहयोग पर भारत-स्लोवेनिया संयुक्त समिति (जेसीटीईसी) के 10वें सत्र में, सरकारी अधिकारियों ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों का वर्तमान आकलन किया, जिसमें प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मज़बूत करने और दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप विकसित करने पर चर्चा की गई।
इस सत्र की सह-अध्यक्षता वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव साकेत कुमार और स्लोवेनिया के विदेश एवं यूरोपीय मामलों के मंत्रालय में आर्थिक, सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक कूटनीति के महानिदेशक पीटर जापेलज ने की।
जापेलज ने वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल से मिलकर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने पर चर्चा की।
वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, "मध्य यूरोप में स्लोवेनिया की रणनीतिक स्थिति और यूरोप के साथ भारत का बढ़ता जुड़ाव, दोनों देशों को एक-दूसरे के करीब लाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। भौगोलिक और आपसी हितों का यह मेल व्यापार, टेक्नोलॉजी, इन्वोवेशन और कनेक्टिविटी में सहयोग को गहरा करने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है।"
चर्चाओं में वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की व्यापक समीक्षा के साथ-साथ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों का मूल्यांकन भी शामिल था।
कृषि, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य, परिवहन, ऊर्जा, पर्यटन, एमएसएमई, आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों सहित अन्य व्यापारिक मामलों में क्षेत्रीय सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
मंत्रालय के अनुसार, 10वीं जेसीटीईसी ने स्लोवेनिया के साथ एक गतिशील आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि की है, जो कि आपसी विश्वास, साझा मूल्यों और स्थायी मित्रता पर आधारित है और यूरोप व भारत में गहन सहयोग की नींव रखेगी।