क्या वित्त वर्ष 26 के शुरुआती महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी रहेगी?

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क्या वित्त वर्ष 26 के शुरुआती महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी रहेगी?

सारांश

क्या भारतीय अर्थव्यवस्था इसके शुरुआती महीनों में मजबूती बनाए रखेगी? जानें कैसे गृह मांग, कम होती महंगाई, और मजबूत बाहरी क्षेत्र वैश्विक अस्थिरता के बावजूद एक मजबूत आर्थिक स्थिति सुनिश्चित करते हैं।

Key Takeaways

  • मजबूत घरेलू मांग.
  • कम होती महंगाई.
  • मजबूत बाहरी क्षेत्र.
  • स्थिर रोजगार की स्थिति.
  • भारत का निर्यात बढ़ रहा है.

नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। वित्त वर्ष 26 के प्रारंभिक दो महीनों के हाई-फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स के अनुसार, वैश्विक स्तर पर अस्थिरता के बावजूद भी भारत की अर्थव्यवस्था ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय के मई 2025 के मासिक आर्थिक समीक्षा में प्रदान की गई है।

वित्त मंत्रालय ने मासिक समीक्षा में बताया कि मजबूत घरेलू मांग, कम होती महंगाई, मजबूत बाहरी क्षेत्र और एक स्थिर रोजगार की स्थिति के कारण वैश्विक अस्थिरता के दौर में भी अर्थव्यवस्था की मजबूती बनी हुई है।

आर्थिक समीक्षा में कहा गया, "वित्त वर्ष 26 में भी सकारात्मक रुझान जारी रहने की संभावना है, प्रारंभिक हाई-फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स (एचएफआई) यह संकेत देते हैं कि आर्थिक गतिविधि मजबूत बनी हुई है। ई-वे बिल जनरेशन, ईंधन खपत और पीएमआई सूचकांक जैसे एचएफआई निरंतर मजबूती की ओर इशारा करते हैं।"

ग्रामीण मांग में और मजबूती आई है, जिसे रबी की अच्छी फसल और सकारात्मक मानसून के पूर्वानुमान से समर्थन मिला है। शहरी खपत को अवकाश और व्यावसायिक यात्राओं में वृद्धि से सहारा मिल रहा है। हवाई यात्रियों की आवाजाही और होटलों में लोगों की बढ़ती संख्या में इसे आसानी से देखा जा सकता है।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि घरेलू संकेतक काफी हद तक सकारात्मक रहे हैं, बाहरी घटनाक्रमों के परिणामस्वरूप वित्तीय बाजारों में अस्थिरता देखी गई। 2025 की शुरुआत में व्यापार तनाव में वृद्धि हुई और उसके बाद दूसरी तिमाही में आंशिक कमी देखी गई।

हालांकि, भारतीय सरकारी बॉन्ड बाजार ने मई में स्थिरता दिखाई, जो आरबीआई द्वारा सरकार को रिकॉर्ड डिविडेंड की घोषणा और वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में मजबूत वृद्धि जैसे कारकों से प्रेरित थी। इसके कारण 30 मई तक भारत के सरकारी बॉंड पर जोखिम प्रीमियम घटकर 182 आधार अंक रह गया।

समीक्षा में कहा गया है कि बाहरी क्षेत्र पर भारत के कुल निर्यात (वस्तुएं और सेवाएं) में मई 2025 में 2.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई, जो टैरिफ अनिश्चितताओं और कमजोर वैश्विक आर्थिक स्थितियों के बीच हमारे निर्यात की मजबूती को दर्शाता है।

Point of View

मैं कह सकता हूँ कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक चुनौतियों के बावजूद एक स्थिरता दिखाई है। यह संकेत हमारे लिए सकारात्मक हैं, और हमें भविष्य में भी इसी रुख को बनाए रखने की आवश्यकता है।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में क्या जानकारी है?
वित्त मंत्रालय के अनुसार, भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है, घरेलू मांग और कम महंगाई के कारण।
क्या वैश्विक अस्थिरता का भारत पर असर पड़ा है?
हां, लेकिन भारत ने अपनी घरेलू स्थिति को मजबूत रखा है और बाहरी चुनौतियों का सामना किया है।
वित्त मंत्रालय का क्या कहना है?
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वित्त वर्ष 26 में सकारात्मक रुझान जारी रह सकता है।