क्या वैश्विक तनाव के बीच सरकारी नीतियों से भारतीय शेयर बाजार पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है?: मार्केट एक्सपर्ट्स

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क्या वैश्विक तनाव के बीच सरकारी नीतियों से भारतीय शेयर बाजार पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है?: मार्केट एक्सपर्ट्स

सारांश

भारतीय आईपीओ बाजार ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। 2025 में 365 से अधिक आईपीओ द्वारा 1.95 लाख करोड़ रुपए जुटाने के साथ, यह भारतीय शेयर बाजार की मजबूती को दर्शाता है। जानिए मार्केट एक्सपर्ट्स इस मामले में क्या कहते हैं।

Key Takeaways

  • आईपीओ बाजार में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं।
  • सरकारी नीतियों का मजबूत प्रभाव है।
  • प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बाजार में विश्वास बढ़ा है।
  • निवेशकों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए नए विकल्प खुल रहे हैं।
  • भारत की स्थिति वैश्विक स्तर पर मजबूत है।

नई दिल्ली, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का आईपीओ बाजार लगातार नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है। साल 2025 में अब तक 365 से अधिक आईपीओ द्वारा लगभग 1.95 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाया जा चुका है। यह आंकड़ा 2024 में बने पिछले रिकॉर्ड से भी अधिक है, जो भारतीय शेयर बाजार की मजबूती को दर्शाता है।

मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार में बन रहे रिकॉर्ड्स के पीछे सरकार की मजबूत नीतियां और वैश्विक राजनीतिक स्थिरता एक महत्वपूर्ण कारण है। जब सरकार का दृष्टिकोण बाजार के अनुकूल होता है और कंपनियों का विश्वास सरकार पर बना रहता है, तो इसका सीधा प्रभाव शेयर बाजार की मजबूती पर पड़ता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय बाजार में नई गति और विश्वास देखने को मिला है। उनके कार्यकाल में लागू की गई आर्थिक सुधार नीतियों के कारण निवेशकों और कंपनियों का विश्वास बढ़ा है, जिससे बाजार में लगातार विकास हो रहा है।

जहां एक तरफ दुनिया के कई देशों में टैरिफ बढ़ोतरी और आर्थिक तनाव का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ भारत की मजबूत आर्थिक नीतियों के कारण भारतीय बाजार वैश्विक स्तर पर बेहतर स्थिति में दिखाई दे रहा है।

मार्केट विशेषज्ञ पंकज हरितवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि किसी भी देश में पूंजी तभी तेजी से बढ़ती है जब सरकार की नीतियां मजबूत हों और प्राइवेट सेक्टर को सरकार पर विश्वास हो। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह विश्वास दिलाया है कि आने वाले वर्ष भारत के होंगे और यह विश्वास बाजार में स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक हालातों को देखते हुए भी भारत की अर्थव्यवस्था, बाजार और व्यापारी आने वाले कई वर्षों के लिए सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यही विश्वास आज आईपीओ बाजार में बनते नए रिकॉर्ड्स के रूप में सामने आ रहा है।

मार्केट विशेषज्ञ उदय हरितवाल ने कहा कि जीएसटी में किए गए सुधार, केंद्र सरकार की नीतियां और प्राइवेट सेक्टर को दी गई रियायतों ने बाजार को मजबूती दी है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा बनाए गए सही सिस्टम और नीतिगत बदलावों का असर आज रिकॉर्ड स्तर के आईपीओ और बढ़ते निवेश के रूप में स्पष्ट हो रहा है।

उदय हरितवाल ने आगे कहा कि सरकार की बेहतर नीतियों के कारण निवेशकों का भरोसा शेयर बाजार पर बढ़ा है और यही कारण है कि भारतीय शेयर बाजार में अब लोग ज्यादा पैसा लगा रहे हैं। इसके साथ ही लोग अब आईपीओ, म्यूचुअल फंड और एसआईपी में निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित कर रहे हैं।

Point of View

बल्कि पूरे देश की आर्थिक स्थिति को भी उजागर करता है।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत का आईपीओ बाजार किस दिशा में बढ़ रहा है?
भारत का आईपीओ बाजार नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है, जिसमें 2025 में अब तक 365 से अधिक आईपीओ के माध्यम से 1.95 लाख करोड़ रुपए जुटाए गए हैं।
सरकार की नीतियों का शेयर बाजार पर क्या प्रभाव है?
सरकार की मजबूत नीतियां और वैश्विक राजनीतिक स्थिरता का शेयर बाजार की मजबूती पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में क्या परिवर्तन आए हैं?
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में लागू की गई आर्थिक सुधार नीतियों के कारण निवेशकों और कंपनियों का विश्वास बढ़ा है।
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