क्या अगले हफ्ते तिमाही नतीजों, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और एफआईआई डेटा से बाजार का रुझान तय होगा?

सारांश
Key Takeaways
- अगले हफ्ते तिमाही नतीजों का आगाज़ होगा।
- भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर कोई अपडेट आ सकता है।
- मानसून की गतिविधियाँ भी महत्वपूर्ण होंगी।
- एफआईआई डेटा बाजार को प्रभावित कर सकता है।
- पिछले हफ्ते की बाजार गतिविधियाँ में उतार-चढ़ाव रहा।
नई दिल्ली, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजों, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते, मानसून की स्थिति और एफआईआई के आंकड़ों से बाजार की दिशा निर्धारित होगी।
अगले हफ्ते से अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों की शुरुआत होगी। इस दौरान 5पैसा, आनंदराठी, टाटा एलेक्सी, टीसीएस और डीमार्ट जैसी कंपनियों के नतीजे जारी किए जाएंगे।
भारत और अमेरिका के बीच बातचीत के बावजूद व्यापार समझौते पर कोई स्पष्टता नहीं आ पाई है। अगर इस समझौते पर कोई अपडेट आता है, तो इससे शेयर बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए रेसिप्रोकल टैरिफ की डेडलाइन 9 जुलाई को समाप्त हो रही है।
साथ ही, मानसून से जुड़ी जानकारियां भी अगले हफ्ते बाजार के लिए महत्वपूर्ण होंगी।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले छह से सात दिनों में उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में मानसून सक्रिय रहने की संभावना है।
भारतीय शेयर बाजार के लिए 30 जून से 4 जुलाई का कारोबारी हफ्ता उतार-चढ़ाव भरा रहा। इस दौरान सेंसेक्स 626.01 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,432.89 और निफ्टी 176.80 अंक या 0.69 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,461.00 पर बंद हुआ।
इस समीक्षा अवधि में लार्जकैप इंडेक्स में बिकवाली रही, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 292.60 अंक या 0.49 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,677.75 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 56.25 अंक या 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 19,033.05 पर रहा।
पिछले हफ्ते पीएसयू बैंक, फार्मा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस इंडेक्स ने बाजार को ऊपर खींचने का काम किया। वहीं, रियल्टी, फाइनेंशियल सर्विसेज और प्राइवेट बैंक इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पिछले हफ्ते शुद्ध विक्रेता रहे। इस दौरान उन्होंने 6,604 करोड़ रुपए की बिकवाली की, जबकि इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 7,609 करोड़ रुपए का निवेश किया।
बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, अगले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कई महत्वपूर्ण डेटा आएंगे, जिनसे वैश्विक और घरेलू बाजार की चाल प्रभावित होगी। इसमें चीन के महंगाई के आंकड़े और अमेरिका में जॉबलेस क्लेम जैसे डेटा शामिल हैं।