क्या भारतीय शेयर बाजार खुलते ही ऑटो, फार्मा और रियल्टी सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई?
सारांश
Key Takeaways
- ऑटो, फार्मा, और रियल्टी सेक्टर में गिरावट हुई।
- निवेशकों को उचित मूल्य वाली कंपनियों के शेयर खरीदने की सलाह दी गई।
- बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट देखने को मिली।
- आईटी और पीएसयू बैंकों में बढ़त देखी गई।
- जापान के केंद्रीय बैंक की ब्याज दरों के निर्णय पर नजर रखी जा रही है।
मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन, गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार ने लाल निशान के साथ शुरुआत की। एशियाई बाजारों में कमजोरी के प्रभाव से भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित हुआ, जिससे बाजार में सुस्ती देखी गई। यह लगातार चौथा दिन है जब बाजार में गिरावट आई है।
गुरुवार के सत्र में, प्रमुख बेंचमार्क एनएसई निफ्टी 25,764.70 पर खुला, जबकि बीएसई सेंसेक्स 84,518.33 पर प्रारंभ हुआ।
सुबह 9:25 पर, सेंसेक्स 79.21 अंकों या 0.09 प्रतिशत की कमी के साथ 84,480.44 स्तर पर कारोबार करता नजर आया। वहीं, निफ्टी 22.90 (0.09 प्रतिशत) अंकों की गिरावट के साथ 25,795.65 पर ट्रेड करता हुआ दिखा।
शुरुआती सत्र में, निफ्टी आईटी और निफ्टी डिव ऑप्स 50 को छोड़कर सभी इंडेक्स लाल निशान में कारोबार करते नजर आए।
सेक्टर के अनुसार, ऑटो, फार्मा और रियल्टी सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली, जहां 1 प्रतिशत तक की कमजोरी दर्ज की गई। वहीं आईटी सेक्टर और पीएसयू बैंकों के शेयरों में क्रमशः करीब 0.9 प्रतिशत और 0.25 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली।
व्यापक बाजार में, मिडकैप शेयरों में हल्की गिरावट रही, जबकि स्मॉलकैप शेयरों में भी थोड़ी कमजोरी देखी गई।
सेंसेक्स पैक में, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, टीसीएस, टेक महिंद्रा, आईटीसी, और एक्सिस बैंक के शेयर टॉप गेनर्स में रहे। वहीं टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (टीएमपीवी), सन फार्मा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, और एशियन पेंट्स के शेयरों में गिरावट देखी गई।
बुधवार को, घरेलू बाजार लाल निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में, सेंसेक्स 120.21 अंक या 0.14 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 84,559.65 पर और निफ्टी 41.55 अंक या 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,818.55 पर क्लोज हुआ।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि अमेरिकी बाजार में एआई ट्रेड का कमजोर होना एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति बन रही है। यह प्रवृत्ति 2026 की शुरुआत में भी जारी रहने की संभावना है और इससे नॉन-एआई मार्केट्स जैसे भारत को फायदा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अब बाजार में एक चिंता यह है कि क्या जापान का केंद्रीय बैंक आज ब्याज दरें बढ़ाएगा और कड़ा संदेश देगा। यदि ऐसा हुआ, तो इससे 'येन कैरी ट्रेड' का पलटाव हो सकता है, जिससे एफआईआई और अधिक बिकवाली कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में निवेशकों को बाजार में कमजोरी का फायदा उठाते हुए अच्छे और उचित मूल्य वाली कंपनियों के शेयर खरीदना चाहिए।