क्या 'टाइटैनिक' ने सिनेमा के इतिहास को अमर किया?
सारांश
Key Takeaways
- फिल्म का बजट: 200 मिलियन डॉलर
- कमाई: 2.2 अरब डॉलर
- ऑस्कर पुरस्कार: 14 नामांकन, 11 जीत
- प्रमुख गाना: 'माय हार्ट विल गो ऑन'
- प्रेम कहानी: जैक और रोज की अनोखी दास्तान
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 1997 में जेम्स कैमरून की फिल्म 'टाइटैनिक' ने जब सिल्वर स्क्रीन पर कदम रखा, तो यह केवल एक रोमांटिक फिल्म नहीं थी, बल्कि सिनेमा के इतिहास में जोखिम, जुनून और तकनीकी साहस की एक अद्वितीय मिसाल बनी। 19 दिसंबर 1997 को अमेरिका समेत कई देशों में रिलीज हुई इस फिल्म को लेकर शुरुआती संदेह बहुत थे। उस समय लगभग 200 मिलियन डॉलर के बजट वाली यह फिल्म सबसे महंगी हॉलीवुड प्रोजेक्ट मानी जाती थी, और कई स्टूडियो को चिंता थी कि यह लागत निकाल पाएगी या नहीं।
फिल्म की कहानी 1912 में डूबे असली जहाज आरएमएस टाइटैनिक की पृष्ठभूमि पर आधारित थी, लेकिन कैमरून ने इसे केवल एक ऐतिहासिक घटना तक सीमित नहीं रखा। जैक डॉसन और रोज डेविट बुकाटर की प्रेम कहानी के माध्यम से उन्होंने वर्गभेद, मानवीय अहंकार और समय की नश्वरता को भी दर्शाया। दिलचस्प तथ्य यह है कि जहाज के डूबने के दृश्यों के लिए कैमरून ने मेक्सिको में टाइटैनिक का लगभग पूर्ण आकार का सेट बनवाया, जो उस समय एक तकनीकी चमत्कार माना गया।
तथ्य बताते हैं कि फिल्म की शूटिंग बेहद कठिन रही। ठंडे पानी में लंबे समय तक शूट करने के कारण कई कलाकार और क्रू सदस्य बीमार पड़ गए। खुद जेम्स कैमरून ने बाद में स्वीकार किया कि फिल्म बनाते समय उन पर जबरदस्त मानसिक और आर्थिक दबाव था। इसके बावजूद उन्होंने ऐतिहासिक सटीकता पर ध्यान दिया। जहाज के अंदरूनी हिस्सों, सीढ़ियों, बर्तनों और यहां तक कि डूबने के समय बजने वाले संगीत को भी वास्तविक घटनाओं के आधार पर तैयार किया गया।
रिलीज़ के बाद 'टाइटैनिक' ने इतिहास रच दिया। यह फिल्म लगातार कई हफ्तों तक बॉक्स ऑफिस पर नंबर एक रही और दुनिया भर में लगभग 2.2 अरब डॉलर की कमाई कर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मूवी बन गई। ऑस्कर पुरस्कारों में इसे 14 नामांकन मिले और 11 ऑस्कर जीतकर इसने 'बेन-हर' के रिकॉर्ड की बराबरी की। खास बात यह थी कि इस सफलता ने लियोनार्डो डिकैप्रियो और केट विंसलेट को वैश्विक स्टार बना दिया।
फिल्म का संगीत भी इसकी पहचान बन गया। सेलीन डायोन का गीत 'माय हार्ट विल गो ऑन' 1990 के दशक का सबसे लोकप्रिय रोमांटिक गीत साबित हुआ और आज भी 'टाइटैनिक' की याद आते ही लोगों के जेहन में गूंज उठता है। आलोचकों का मानना है कि इस गीत ने फिल्म के भावनात्मक असर को कई गुना बढ़ा दिया।
आज, रिलीज के करीब तीन दशक बाद भी 'टाइटैनिक' केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक घटना मानी जाती है।