क्या अधिक अमेरिकी टैरिफ के चलते भारतीय शेयर बाजार गिर गया?

सारांश
Key Takeaways
- सेंसेक्स में 308.47 अंक की गिरावट हुई।
- निफ्टी 73.20 अंक के नुकसान में रहा।
- मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट आई।
- अमेरिकी टैरिफ की चिंताओं का असर बाजार पर पड़ा।
- निवेशकों में सर्तकता देखी गई।
मुंबई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में समापन किया। दिन के अंत में सेंसेक्स 308.47 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,710.25 पर और निफ्टी 73.20 अंक या 0.30 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,649.55 पर बंद हुआ।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 225.50 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,206.85 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 28.85 अंक या 0.16 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,864.55 पर था।
निफ्टी के आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया और एनर्जी इंडेक्स भी लाल निशान में थे, जबकि मेटल, ऑटो और कमोडिटी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में टाइटन, मारुति सुजुकी, ट्रेंट, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, एसबीआई, एलएंडटी, एचसीएल टेक और एक्सिस बैंक शीर्ष लाभार्थी थे। वहीं, रिलायंस, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, इटरनल (जोमैटो), बीईएल, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड और आईटीसी शीर्ष नुकसानकर्ताओं में शामिल थे।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर और टैरिफ लगाने की धमकी है।
आशिका इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "क्षेत्रवार रुझान मिले-जुले रहे, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में अपेक्षाकृत मजबूती दिखाई दी, जबकि अधिकांश अन्य क्षेत्रों में नुकसान हुआ। विशेषकर, तेल और गैस, फार्मा, निर्माण और उपभोक्ता वस्तुओं में भारी गिरावट देखी गई।"
नोट में आगे कहा गया कि मौद्रिक नीति से पहले बाजार में निवेशकों के बीच सर्तकता देखी गई। सत्र के दूसरे भाग में बैंकिंग शेयरों में बिकवाली का सामना करना पड़ा।
बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। सुबह लगभग 9 बजकर 58 मिनट पर सेंसेक्स 384.11 अंक या 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,634.61 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 113.80 अंक या 0.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,608.95 पर था।