क्या हमारे विमानन क्षेत्र का परिवर्तनकारी विकास भारतीय आकाश को दुनिया के लिए खोल रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का विमानन क्षेत्र वैश्विक स्तर पर गेटवे बन रहा है।
- इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी के लिए नए अवसर मौजूद हैं।
- उद्योग के दिग्गज और नीति निर्माता ग्लोबल एविएशन लैंडस्केप में चर्चा कर रहे हैं।
- इस क्षेत्र की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है।
- सप्लाई चेन और पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने मंगलवार को कहा कि हमारे विमानन क्षेत्र में हो रहा परिवर्तनकारी विकास भारतीय आकाश को वैश्विक स्तर पर खोल रहा है, जिससे इनोवेशन, एफिशिएंसी और सस्टेनेबिलिटी के लिए नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
पीएचडीसीसीआई के 11वें ग्लोबल एविएशन एंड एयर कार्गो कॉन्क्लेव के उद्घाटन पर केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि भारत पैसेंजर मूवमेंट, कार्गो ट्रांसशिपमेंट और एमआरओ सर्विस के लिए एक वैश्विक नागरिक उड्डयन गेटवे के रूप में तेजी से उभर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में पीएचडीसीसीआई के 11वें ग्लोबल एविएशन एंड कार्गो कॉन्क्लेव और विमानन क्षेत्र में नवीनतम इनोवेशन को प्रदर्शित करने वाली चौथी इंडियाएयरपोर्ट प्रदर्शनी का उद्घाटन करना मेरे लिए एक सम्मान की बात थी।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत अपनी भौगोलिक और जनसांख्यिकीय क्षमताओं के साथ एक वैश्विक नागरिक उड्डयन गेटवे के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। मुझे विश्वास है कि दिल्ली में ग्लोबल स्टेकहोल्डर्स का उत्साहजनक समागम भारत के नेतृत्व को एक प्रतिस्पर्धी नागरिक उड्डयन बाजार के रूप में मजबूत करेगा।
11वें पीएचडीसीसीआई ग्लोबल एविएशन एंड एयर कार्गो कॉन्क्लेव - 2025 का उद्घाटन सत्र दिल्ली के द्वारका, भरथल, सेक्टर 25 स्थित यशोभूमि में शुरू हुआ। इस इवेंट की थीम 'गेटवे टू द स्काईज: एलिवेटिंग इंडिया का एविएशन, एयर कार्गो और एमआरओ इकोसिस्टम फॉर ग्लोबल लीडरशिप' रखी गई थी।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम 18-20 नवंबर तक इंडियाएयरपोर्ट-2025 के साथ चलेगा। इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के दिग्गज, नीति निर्माता और इनोवेटर्स ग्लोबल एविएशन लैंडस्केप में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।
इस सत्र ने सस्टेनेबल ग्रोथ, टेक्नोलॉजिकल इंटीग्रेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार पर परिवर्तनकारी संवादों के लिए माहौल तैयार किया और आर्थिक विकास में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
कॉन्क्लेव के आगे बढ़ने के साथ प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के एजेंडे में बताई गई पैनल चर्चाओं और नेटवर्किंग सत्रों में भाग लिया।
इस कार्यक्रम में सप्लाई चेन में व्यवधान और पर्यावरणीय स्थिरता जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एक रोडमैप भी तैयार किया गया। यशोभूमि की स्टेट-ऑफ द आर्ट सुविधाओं के साथ उद्घाटन सत्र का समापन एक शानदार अंदाज में हुआ।