क्या भारत का केमिकल सेक्टर दुनिया में सबसे आगे है? निवेशकों को 28 प्रतिशत का रिटर्न मिला: रिपोर्ट

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क्या भारत का केमिकल सेक्टर दुनिया में सबसे आगे है? निवेशकों को 28 प्रतिशत का रिटर्न मिला: रिपोर्ट

सारांश

भारत का केमिकल सेक्टर पिछले पांच वर्षों में अपने निवेशकों को 28 प्रतिशत का रिटर्न देकर वैश्विक औसत से काफी आगे निकल गया है। इस सफलता के पीछे मजबूत घरेलू मांग और नीतिगत समर्थन का योगदान है। जानिए इस क्षेत्र की सफलता के प्रमुख कारण क्या हैं।

Key Takeaways

  • भारत का केमिकल सेक्टर वैश्विक स्तर पर सबसे आगे है।
  • पिछले पांच वर्षों में टीएसआर 28 प्रतिशत रहा है।
  • मजबूत घरेलू मांग इसका प्रमुख कारण है।
  • विशिष्ट क्षेत्रों में 33 प्रतिशत टीएसआर रिटर्न हासिल किया गया।
  • फार्मास्युटिकल और पर्सनल केयर में वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का केमिकल सेक्टर वैल्यू निर्माण में वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर रहा है और इसका पिछले पांच वर्षों (2020-24) का कुल शेयरधारक रिटर्न (टीएसआर) 28 प्रतिशत रहा है, जो कि वैश्विक औसत 7 प्रतिशत से कहीं अधिक है। यह जानकारी मंगलवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में साझा की गई।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के केमिकल सेक्टर की सफलता का मुख्य कारण मजबूत घरेलू मांग, लक्षित नीतिगत सहायता और निवेशकों की सकारात्मक धारणा रही है, जिसने मूल्यांकन में कई गुना वृद्धि की।

रिपोर्ट में उल्लेखित है कि एग्रोकेमिकल निर्यात और इसकी घरेलू मांग के साथ-साथ फार्मास्युटिकल सामग्री, पर्सनल केयर और इंजीनियर्ड सामग्री जैसे विशिष्ट क्षेत्रों ने इस उत्कृष्टता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विशिष्ट क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित करने वाली भारतीय कंपनियों ने 33 प्रतिशत टीएसआर रिटर्न प्राप्त किया, जबकि उर्वरक क्षेत्र ने 32 प्रतिशत रिटर्न दर्ज किया, जो वैश्विक औसत से काफी अधिक है।

टीएसआर किसी कंपनी के शेयर मूल्य और लाभांश में किसी निश्चित समय अवधि में प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्रीय स्तर पर, उभरते बाजार की केमिकल कंपनियों ने कुल मिलाकर मजबूत प्रदर्शन किया, जिनका औसत पांच-वर्षीय टीएसआर 12 प्रतिशत रहा।

बीसीजी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीनियर पार्टनर अमित गांधी ने कहा कि यह बेहतर प्रदर्शन राजस्व और लाभ वृद्धि के साथ-साथ हाई पी/ई गुणकों और मजबूत घरेलू मांग के कारण हुआ।

उन्होंने आगे बताया कि प्रगति का अगला चरण इस बात पर निर्भर करेगा कि भारतीय कंपनियां अगले पांच वर्षों में किस प्रकार विस्तार का चुनाव करती हैं, चाहे मौजूदा मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करके या नई मूल्य श्रृंखलाओं में प्रवेश करके।

बीसीजी ने बताया कि व्यावसायिक उत्कृष्टता, अनुशासित पूंजी आवंटन और पोर्टफोलियो गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने वाली कंपनियां इस गति को बनाए रखने की स्थिति में हैं।

वित्त वर्ष 24 में देश की सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि में योगदान देने वाले शीर्ष पांच उद्योगों में केमिकल प्रोडक्ट्स, बेसिक मेटल, मोटर वाहन, खाद्य उत्पाद और दवा उद्योग शामिल थे।

Point of View

भारत का केमिकल सेक्टर न केवल निवेशकों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है, बल्कि यह देश की आर्थिक वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसकी सफलता का आधार घरेलू मांग, नीतिगत समर्थन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती है।
NationPress
16/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत के केमिकल सेक्टर का टीएसआर क्या है?
भारत के केमिकल सेक्टर का कुल शेयरधारक रिटर्न (टीएसआर) 28 प्रतिशत है।
इस क्षेत्र की सफलता के प्रमुख कारण क्या हैं?
मजबूत घरेलू मांग, लक्षित नीतिगत समर्थन और निवेशकों की सकारात्मक धारणा इसके प्रमुख कारण हैं।
भारत के केमिकल सेक्टर के कौन से विशेष क्षेत्र प्रमुख हैं?
एग्रोकेमिकल, फार्मास्युटिकल सामग्री, पर्सनल केयर और इंजीनियर्ड सामग्री प्रमुख क्षेत्र हैं।
भारत के केमिकल सेक्टर का वैश्विक औसत से तुलना कैसे है?
भारत का केमिकल सेक्टर का टीएसआर वैश्विक औसत 7 प्रतिशत से काफी अधिक है।
क्या भारतीय कंपनियों का विस्तार जारी रहेगा?
हाँ, कंपनियों का भविष्य विस्तार की रणनीति पर निर्भर करेगा।