क्या छोटे शहरों में म्यूचुअल फंड में निवेश का चलन कोविड के बाद तेजी से बढ़ रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- कोविड-19 के बाद छोटे शहरों में म्यूचुअल फंड में तेजी से वृद्धि हुई है।
- बी30 शहरों का एयूएम अब बड़े शहरों को पीछे छोड़ चुका है।
- वित्तीय साक्षरता और डिजिटल पहुंच ने इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- भारत में निवेश संस्कृति अब महानगरों से छोटे शहरों तक फैल रही है।
- यह उद्योग पूंजी बाजारों की गहराई और खुदरा भागीदारी को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
नई दिल्ली, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कोविड-19 के बाद पूरे देश में म्यूचुअल फंड में निवेश का प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है, विशेषकर छोटे शहरों और कस्बों में, जिन्हें बी30 कहा जाता है। ये बी30 शहर अब बड़े शहरों को पीछे छोड़ते हुए निवेश के मामले में उल्लेखनीय वृद्धि कर रहे हैं। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने साझा की है।
जून 2025 तक, कुल म्यूचुअल फंड एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में बी30 शहरों की हिस्सेदारी 18.5 प्रतिशत तक पहुँच गई, जो कि उद्योग के कुल 75 लाख करोड़ रुपए के एयूएम में से लगभग 14 लाख करोड़ रुपए है।
पिछले पांच वर्षों में, बी30 शहरों में एयूएम में 28 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की गई है, जबकि टी30 शहरों में यह दर 23 प्रतिशत रही।
रिपोर्ट के अनुसार, इसी अवधि में उद्योग का कुल एयूएम सालाना आधार पर 24 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह प्रवृत्ति देश के भौगोलिक निवेश मानचित्र को भी बदल रही है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने म्यूचुअल फंड एयूएम रैंकिंग में बड़े और अधिक विकसित राज्यों को पीछे छोड़ दिया है, जिन्हें पारंपरिक रूप से कम समृद्ध माना जाता था।
उत्तर प्रदेश का एयूएम अब तमिलनाडु से अधिक हो गया है। वहीं, राजस्थान ने तेलंगाना को और मध्य प्रदेश ने केरल को पीछे छोड़ दिया है।
विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ती वित्तीय साक्षरता, बेहतर डिजिटल पहुंच और एसआईपी की सफलता छोटे शहरों को तेजी से आगे बढ़ने में मदद कर रही है।
यह परिवर्तन दर्शाता है कि भारत में निवेश का संस्कृति अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह टियर-2 और टियर-3 क्षेत्रों में भी फैल रहा है।
यह प्रवृत्ति अन्य आर्थिक क्षेत्रों में भी दिख रही है, जहाँ छोटे शहर ई-कॉमर्स, फिनटेक और खुदरा जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि म्यूचुअल फंड उद्योग का नए भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार आने वाले वर्षों में पूंजी बाजारों को गहराई देने और खुदरा भागीदारी को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।