क्या डाक विभाग ने ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पार्सल प्रोसेसिंग और डिलीवरी इकोसिस्टम को आधुनिक बनाया?

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क्या डाक विभाग ने ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पार्सल प्रोसेसिंग और डिलीवरी इकोसिस्टम को आधुनिक बनाया?

सारांश

केंद्र सरकार ने डाक विभाग द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की घोषणा की है, जिसमें पार्सल प्रोसेसिंग और डिलीवरी इकोसिस्टम का आधुनिकीकरण शामिल है। यह कदम ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है। जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • डाक विभाग ने पार्सल प्रोसेसिंग और डिलीवरी को आधुनिक बनाया है।
  • नई तकनीकों से ग्राहकों को रीयल-टाइम अपडेट मिलेंगे।
  • केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ साझेदारी की है।
  • 1,013 डाक घर निर्यात केंद्र स्थापित किए गए हैं।
  • नए डीपीआई और एएएएस सेवाएं शुरू की गई हैं।

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने आज घोषणा की है कि डाक विभाग ने गति, भरोसा और ग्राहकों के अनुभव को सुधारने के लिए पार्सल प्रोसेसिंग और डिलीवरी इकोसिस्टम को आधुनिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा, "डाक विभाग ने देशभर में अपनी पार्सल सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई प्रयास किए हैं। इनमें स्पीड, भरोसा और उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पार्सल प्रोसेसिंग और डिलीवरी इकोसिस्टम को आधुनिक बनाना शामिल है।"

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि डाकघर ने मैकेनाइज्ड और डेडिकेटेड पार्सल डिलीवरी के लिए नोडल डिलीवरी सेंटर के साथ अंतिम मील डिलीवरी को बेहतर किया गया है। एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) 2.0 परियोजना के अंतर्गत, रीयल-टाइम डिलीवरी अपडेट, ओटीपी-बेस्ड डिलीवरी और ई-कॉमर्स एवं अन्य ग्राहकों के साथ एपीआई इंटीग्रेशन की शुरुआत की गई है।

मेल और पार्सल ऑप्टिमाइजेशन प्रोजेक्ट (एमपीओपी) के अंतर्गत, ऑटोमेशन, स्टैंडर्ड वर्कफ्लो और पार्सल सॉर्टर तथा रीयल-टाइम ट्रैकिंग जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के माध्यम से एंड-टू-एंड प्रक्रिया को ऑप्टिमाइज किया गया है।

पेम्मासानी के अनुसार, विभाग बड़ी ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के साथ भी सहयोग कर रहा है और पार्सल डिलीवरी के लिए एमएसएमई मंत्रालय सहित कई सरकारी मंत्रालयों को सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसके साथ ही, एमएसएमई, कारीगरों, सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स और छोटे व्यवसायों को, विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, निर्यात को समर्थन देने के लिए 1,013 डाक घर निर्यात केंद्र (डीजीएनके) स्थापित किए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स ने “नो यूअर डिजीपिन” एप्लिकेशन शुरू किया है। यह राष्ट्रीय डिजिटल पता डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) की बुनियादी परत है।

एड्रेस-एज-ए-सर्विस (एएएएस) - एड्रेस डेटा प्रबंधन से संबंधित सेवाओं की रेंज के लिए एक डीपीआई विकसित करने के लिए, विभाग ने एक केंद्रीय क्षेत्र योजना ‘ध्रुव’ को अंतिम रूप दिया है, जिसका उद्देश्य एड्रेस जानकारी प्रबंधन को एक बुनियादी सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के रूप में पहचान देना है, जो प्रभावी शासन, सबको साथ लेकर चलने वाली सेवा डिलीवरी और बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव के लिए आवश्यक है।

Point of View

यह पहल भारतीय डाक सेवा की मजबूती का संकेत है। यह न केवल ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाता है, बल्कि देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र को भी सशक्त करता है। यह कदम खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में छोटे व्यवसायों के लिए अवसरों की संख्या बढ़ाता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

डाक विभाग ने पार्सल सेवाओं को कैसे सुधारा है?
डाक विभाग ने पार्सल प्रोसेसिंग और डिलीवरी इकोसिस्टम को आधुनिक बनाया है, जिसमें ऑटोमेशन और रीयल-टाइम ट्रैकिंग जैसी तकनीकों का उपयोग शामिल है।
क्या नई तकनीकें ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाएंगी?
हाँ, नई तकनीकों जैसे कि ओटीपी-बेस्ड डिलीवरी और एपीआई इंटीग्रेशन से ग्राहकों को बेहतर सेवा मिलेगी।
क्या यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रभाव डालेगी?
जी हाँ, यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में छोटे व्यवसायों को समर्थन प्रदान करेगी।
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