क्या डेकाथलॉन भारत में स्थानीय सोर्सिंग को तिगुना करेगा और 2030 तक 3 लाख रोजगार पैदा करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- डेकाथलॉन 2030 तक अपनी स्थानीय सोर्सिंग को तिगुना करेगा।
- 3 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
- भारत में उत्पादन का बढ़ता फोकस है।
- 70 प्रतिशत उत्पादों की घरेलू आपूर्ति हो रही है।
- 'खेलो भारत नीति 2025' से स्पोर्ट्स गुड्स के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्लोबल स्पोर्ट्स रिटेलर डेकाथलॉन ने यह जानकारी दी है कि वह 'मेक इन इंडिया' नीति के तहत 2030 तक भारत में अपनी स्थानीय सोर्सिंग को तिगुना करके 3 अरब डॉलर तक पहुंचाएगा।
कंपनी का उद्देश्य 2030 तक अपने उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र में 3 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है।
कंपनी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारत में उत्पादन आरंभ करने की 25वीं वर्षगांठ पर डेकाथलॉन का यह निर्णय भारतीय मैन्युफैक्चरिंग पर बढ़ते ध्यान का प्रतीक है। वर्तमान में, भारत डेकाथलॉन के वैश्विक उत्पादों का 8 प्रतिशत प्रदान करता है।
डेकाथलॉन अपने 132 भारतीय स्टोर्स में से 70 प्रतिशत से अधिक उत्पादों की घरेलू स्तर पर आपूर्ति करता है और इसे 2030 तक 90 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना है। कंपनी ने मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क में 113 सुविधाएं, 83 आपूर्तिकर्ता, 7 उत्पादन कार्यालय और 1 डिजाइन केंद्र शामिल किया है।
डेकाथलॉन इंडिया के सीईओ, शंकर चटर्जी के अनुसार, "स्थानीय निर्माण में हमारी गुणवत्ता और गति ने हमें खुदरा बिक्री बढ़ाने और अधिक मेड इन इंडिया रेंज पेश करने में सहायता की है। हम उत्कृष्टता को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि हम ओमनी-चैनल शॉपिंग में विस्तार कर रहे हैं और भारतीयों के लिए खेलों को और अधिक सुलभ बना रहे हैं।"
डेकाथलॉन की ग्लोबल प्रोडक्शन प्रमुख फ्रेडरिक मर्लेवेडे ने कहा कि भारत हमारे वैश्विक उत्पादन का आधार बन गया है। डेकाथलॉन 2030 तक 90 से अधिक भारतीय शहरों में उत्पादन और खुदरा व्यापार को एकीकृत करना चाहता है।
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पोर्ट्स गुड्स के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 'खेलो भारत नीति 2025' को मंजूरी दी है। भारत अब अपने खेल उत्पादों का 60 प्रतिशत निर्यात करता है। हालांकि, वैश्विक खेल उद्योग लगभग 600 अरब डॉलर का है, लेकिन भारत का वर्तमान हिस्सा अपेक्षाकृत छोटा है।
इस नीति से देश के स्पोर्ट निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।