क्या दीपावली पर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो और हैंडीक्राफ्ट जैसे उत्पादों की बिक्री बढ़ना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है?

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली पर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री में 25-30% की वृद्धि हुई है।
- 5.40 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में 25% अधिक है।
- गृह सजावट और हैंडीक्राफ्ट के लिए ग्राहकों की मांग बढ़ी है।
- जीएसटी में सुधार ने कीमतों को प्रभावित किया है।
- ऑफलाइन बाजार में भी अच्छी मांग देखी गई है।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में दीपावली के अवसर पर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो, ज्वेलरी, हैंडक्राफ्ट और सजावट के सामान की बिक्री में एक जबरदस्त उछाल देखने को मिला है, जो कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह जानकारी अर्थशास्त्रियों द्वारा बुधवार को साझा की गई।
इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा कि भारतीय उत्पादों, विशेषकर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, ज्वेलरी, हैंडक्राफ्ट और सजावट के सामान की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह ग्राहकों के सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिससे घरेलू उत्पादों को भी व्यापक स्तर पर समर्थन मिला है।
उन्होंने आगे कहा, "हम हमेशा से मानते थे कि दीपावली के मौसम में जीएसटी में सुधार और इनकम टैक्स में राहत का अर्थव्यवस्था पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। इस बार लगभग 5.40 लाख करोड़ रुपए की वस्तुओं का कारोबार हुआ है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री में 25-30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जबकि ऑटो सेक्टर में भी इसी अनुपात में वृद्धि हुई है।"
एक अन्य अर्थशास्त्री परमबीर कुमार सरकार ने कहा कि सितंबर में जीएसटी में सुधार के कारण एफएमसीजी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और लेदर उत्पादों की कीमतों में कमी आई है। इस वजह से हमें उम्मीद थी कि अक्टूबर में बिक्री में काफी उछाल आएगा। नवरात्रि से दीपावली तक के आंकड़े सकारात्मक हैं।
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) के अनुसार, नवरात्री से दीपावली तक के फेस्टिव सीजन में गुड्स की बिक्री रिकॉर्ड 5.40 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इस दौरान लगभग 65,000 करोड़ रुपए की सर्विसेज भी ग्राहकों द्वारा खरीदी गई हैं।
यह पिछले साल नवरात्रि से दीपावली की अवधि में हुई 4.25 लाख करोड़ रुपए की फेस्टिव सेल्स की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।
सर्वेक्षण से पता चला है कि इसमें रिटेल की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत रही है। ऑफलाइन मार्केट में भी मांग अच्छी रही है।
कन्फेक्शनरी, होम डेकोर, जूते-चप्पल, रेडीमेड कपड़े, टिकाऊ उपभोक्ता सामान और दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसी प्रमुख उपभोक्ता और खुदरा श्रेणियों में जीएसटी दरों में कमी से मूल्य प्रतिस्पर्धा में काफी सुधार हुआ है, जो खरीदारी को बढ़ावा दे रहा है।