क्या डिजिटल क्रांति ने उपभोक्ता न्याय प्रक्रिया को तेज किया है? 42.6 करोड़ रुपए की वापसी में मिली मदद: केंद्र सरकार
सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल क्रांति ने उपभोक्ता न्याय को तेज किया है।
- नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ने 42.6 करोड़ रुपए की राशि वापस दिलाई।
- 63,800 से अधिक शिकायतें हल की गईं।
- सरकार ने तकनीक का उपयोग कर उपभोक्ता न्याय को पारदर्शी बनाया।
- नए डिजिटल पहलों से उपभोक्ताओं को सही जानकारी मिलेगी।
नई दिल्ली, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन अब उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान करने का एक सशक्त और प्रभावी साधन बन चुकी है। इस हेल्पलाइन की सहायता से अप्रैल से दिसंबर २०२५ के बीच ३० विभिन्न क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को ४२.६ करोड़ रुपए की राशि वापस दिलाई गई है। इसके फलस्वरूप कई मामलों को अदालत में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को आयोजित राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस २०२५ समारोह में कहा कि इस दौरान हेल्पलाइन के माध्यम से ६३,८०० से अधिक रिफंड से जुड़ी शिकायतें हल की गईं। इस प्रकार, यह हेल्पलाइन उपभोक्ताओं के लिए शिकायत समाधान का एक प्रमुख माध्यम बन गई है। इस कार्यक्रम का आयोजन उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा किया गया था, जिसका विषय था “डिजिटल न्याय के जरिए तेज और प्रभावी निपटान।”
केंद्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार तकनीक का उपयोग कर उपभोक्ता न्याय को सरल, तेज और पारदर्शी बनाना चाहती है। वर्ष २०२५ में १.४ लाख से अधिक उपभोक्ता मामलों का समाधान किया गया और ९०,००० से अधिक सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुईं। इससे समय और प्रयास दोनों की बचत हुई।
उन्होंने यह भी बताया कि गलत व्यापारिक तरीकों के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ४५० से अधिक नोटिस जारी किए और २.१३ करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई भ्रामक विज्ञापनों और गलत डिजिटल तरीकों के खिलाफ की गई।
उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में उपभोक्ता भारत की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत आधार हैं। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं से उपभोक्ता अधिक जागरूक हुए हैं। साथ ही ‘जागो ग्राहक जागो’ जैसे अभियानों ने लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी दी है।
कार्यक्रम के दौरान उपभोक्ताओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कई नई डिजिटल पहलों की शुरुआत की गई। इनमें आईआईटी कानपुर की सहायता से विकसित किया गया एआई आधारित नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन डैशबोर्ड, माईगव प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ता जागरूकता क्विज, रिपेरेबिलिटी इंडेक्स लोगो और गुवाहाटी के नेशनल टेस्ट हाउस में नई डिजिटल प्रयोगशाला प्रणाली शामिल हैं।
यह सभी कदम उपभोक्ताओं को सही जानकारी प्रदान करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें शीघ्र न्याय दिलाने के लिए उठाए गए हैं।