क्या डीएलसी कैंपेन 4.0 के पहले चार दिनों में 55 लाख से अधिक डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जेनरेट हुए?
सारांश
Key Takeaways
- 55 लाख से अधिक डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जेनरेट हुए।
- कैंपेन 30 नवंबर तक चलेगा।
- यह पहल 2,000 जिलों में चलाई जा रही है।
- पेंशन वितरण बैंकों और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की भागीदारी।
- विशेष डीएलसी पोर्टल की उपलब्धता।
नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अनुसार, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) कैंपेन 4.0 का शुभारंभ किया। यह पहल पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणन को सरल बनाने के लिए केंद्र द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नेशनल मीडिया सेंटर में इस कैंपेन के लॉन्च के दौरान एक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपना स्वयं का डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाया।
डीएलसी कैंपेन 4.0 की शुरुआत 1 नवंबर को हुई है और यह 30 नवंबर तक चलेगा। पहले चार दिनों में ही 55 लाख से अधिक डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जेनरेट किए जा चुके हैं, जबकि इस महीने के लिए दो करोड़ डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पिछले वर्ष के डीएलसी 3.0 की सफलताओं का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 52.73 लाख डीएलसी फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग कर सबमिट किए गए थे, जिसमें 72.64 लाख ईपीएफओ पेंशनभोगियों के थे।
मंत्रालय के अनुसार, डीएलसी कैंपेन 4.0 लगभग 2,000 जिलों, शहरों और कस्बों में 2,500 शिविरों के माध्यम से और 1,250 नोडल अधिकारियों के समन्वय से चलाया जा रहा है। प्रमुख बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक और पेंशनभोगी कल्याण संघों की भागीदारी से यह पहल सुनिश्चित करती है कि पेंशनभोगी बिना किसी कठिनाई के अपना डीएलसी सबमिट कर सकें।
यह कार्यक्रम 19 पेंशन वितरण बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी), पेंशनभोगी कल्याण संघों, यूआईडीएआई, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, ईपीएफओ, रेलवे, सीजीडीए और दूरसंचार विभाग के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
आईपीपीबी अकेले अपने 1.8 लाख डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के नेटवर्क के माध्यम से 1,600 से अधिक जिलों और उप-मंडलों में शिविर आयोजित कर रहा है।
विभाग ने एक विशेष डीएलसी पोर्टल भी विकसित किया है, जो 1,850 शहरों और कस्बों में फैला हुआ है, जिसमें 2,500 से अधिक शिविर स्थल और 1,200 से अधिक नोडल अधिकारी शामिल हैं।