क्या इस वर्ष 31 अक्टूबर तक डीपीआईआईटी ने 1,97,692 स्टार्टअप को मान्यता दी?
सारांश
Key Takeaways
- भारत में 1,97,692 स्टार्टअप्स को मान्यता मिली है।
- स्टार्टअप इंडिया पहल 2016 में शुरू हुई थी।
- मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने 21.11 लाख करोड़ नौकरियों का सृजन किया है।
- सरकार द्वारा तीन प्रमुख योजनाएं लागू की जा रही हैं।
- हर राज्य में स्टार्टअप्स की उपस्थिति है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद में मंगलवार को प्रस्तुत की गई जानकारी के अनुसार, भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम निरंतर गति से प्रगति कर रहा है और इस वर्ष 31 अक्टूबर तक स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा 1,97,692 स्टार्टअप को मान्यता प्रदान की गई।
स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत 2016 में हुई थी, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना और भारत में नवाचार एवं उद्यमिता के लिए एक मजबूत एवं समावेशी इकोसिस्टम का निर्माण करना है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 21.11 लाख करोड़ रुपए की प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन किया। डीपीआईआईटी की ओर से महाराष्ट्र में 34,444 संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता मिली और इन्होंने 3.76 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियों का निर्माण किया।
स्टार्टअप इंडिया पहल के माध्यम से सरकार के प्रयासों ने भारत में स्टार्टअप की संख्या में वृद्धि और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा, भारत में सभी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में से कम से कम एक महिला निदेशक/भागीदार होने की जानकारी मिली है। इसके साथ ही, मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की उपस्थिति देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में है।
केंद्र के अनुसार, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सरकार तीन प्रमुख योजनाएं भी लागू कर रही है। हर क्षेत्र के स्टार्टअप्स को उनके व्यापार चक्र के विभिन्न चरणों पर फंडिंग के अवसर और समर्थन प्रदान करने के लिए इन योजनाओं को लागू किया जा रहा है, जिनमें फंड ऑफ फंड फॉर स्टार्टअप्स (एफएफएस), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स (सीजीएसएस) शामिल हैं।
संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, एफएफएस के तहत 31 अक्टूबर तक 144 वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) को 10,000 करोड़ रुपए का फंड प्रदान किया गया है। एसआईएसएफएस के अंतर्गत 219 इनक्यूबेटर्स को 945 करोड़ रुपए का फंड स्वीकृत किया गया है और सीजीएसएस के तहत स्टार्टअप उधारकर्ताओं के लिए 755.25 करोड़ रुपए की 311 ऋण की गारंटी दी गई है।