क्या भारतीय कार बाजार में वित्त वर्ष 28 तक ईवी की हिस्सेदारी 7 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी?

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क्या भारतीय कार बाजार में वित्त वर्ष 28 तक ईवी की हिस्सेदारी 7 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि भारतीय कार बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 28 तक 7 प्रतिशत से अधिक हो सकती है? इस रिपोर्ट में जानिए इसके पीछे के कारण और सरकार की योजनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत में ईवी की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 28 तक बढ़कर 7 प्रतिशत हो सकती है।
  • चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार से ईवी की बिक्री में तेजी आएगी।
  • सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 30 तक ईवी की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत करना है।
  • पिछले तीन वर्षों में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में 5 गुना वृद्धि हुई है।
  • रेयर अर्थ मिनरल्स की समस्या का समाधान आवश्यक है।

मुंबई, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के कार बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 28 तक 7 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

हालांकि, यह रेयर अर्थ एलीमेंट (आरईई) की आपूर्ति, नई मॉडल्स के लॉन्च और सरकार की ओर से देश में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार किए जाने पर निर्भर करेगा।

केयरएज एडवाइजरी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत का इलेक्ट्रिक कार इकोसिस्टम बीते कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ा है। इस दौरान ईवी वाहनों की बिक्री बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 1.07 लाख यूनिट्स हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 21 में 5,000 यूनिट्स से अधिक थी।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में चार पहिया वाहनों की हिस्सेदारी काफी कम है। देश में बिकने वाले अधिकतर इलेक्ट्रिक वाहन दोपहिया और तिपहिया हैं।

भारत सरकार ने वित्त वर्ष 30 तक कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई है और इसे लेकर लगातार काम भी किया जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि फेम III, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरियों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम और कोबाल्ट, लिथियम-आयन वेस्ट और ग्रेफाइट सहित महत्वपूर्ण बैटरी मिनरल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी कम करने से जैसी पहलों से वाहन उत्पादन लागत कम होने और घरेलू आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती में सुधार होने की उम्मीद है।

केयरएज एडवाइजरी एंड रिसर्च की वरिष्ठ निदेशक और प्रमुख तन्वी शाह ने कहा, "भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री की पहुंच वित्त वर्ष 28 तक 7 प्रतिशत को पार कर जाने की संभावना है, बशर्ते रेयर अर्थ मिनरल जैसी समस्या का समय पर समाधान किया जाए। मॉडल लॉन्च की एक मजबूत श्रृंखला, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और पीएआई योजना के तहत बैटरी स्थानीयकरण के साथ, भारत इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने के लिए अच्छी स्थिति में है।"

रिपोर्ट में मुताबिक, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, जो ऐतिहासिक रूप से भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) अपनाने की यात्रा में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक रहा है, अब अभूतपूर्व वृद्धि देख रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन वर्षों में, भारत में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों (ईवीपीसीएस) की संख्या लगभग 5 गुना बढ़ी है, जो कैलेंडर वर्ष 2022 में 5,151 से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत तक 26,000 से अधिक हो गई है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की वृद्धि का समर्थन करना आवश्यक है। सरकार की योजनाओं और उद्योग की भागीदारी से हम एक स्थायी भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों का विकास न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत में ईवी की बिक्री में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
भारत में ईवी की बिक्री में वृद्धि का मुख्य कारण सरकार की नीतियाँ, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और नए मॉडल्स का लॉन्च है।
क्या इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में चार पहिया वाहनों की हिस्सेदारी बढ़ेगी?
हाँ, अगर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और नई तकनीकों का विकास होता है तो चार पहिया वाहनों की बिक्री में वृद्धि होने की संभावना है।
भारत सरकार का ईवी के लिए क्या लक्ष्य है?
भारत सरकार का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 30 तक कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत तक पहुंच जाए।
सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में कितनी वृद्धि हुई है?
पिछले तीन वर्षों में, भारत में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या लगभग 5 गुना बढ़ चुकी है।
रेयर अर्थ मिनरल्स की समस्या का क्या समाधान है?
रेयर अर्थ मिनरल्स की समस्या का समाधान समय पर किया जाना आवश्यक है, ताकि इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की वृद्धि को सुनिश्चित किया जा सके।