क्या एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन और क्रेडिट गारंटी स्कीम पूरे इकोसिस्टम के लिए गेमचेंजर हैं?
सारांश
Key Takeaways
- एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन भारत के व्यापारिक दृष्टिकोण को नया आकार देगा।
- क्रेडिट गारंटी स्कीम से एमएसएमई को सशक्त करने का अवसर मिलेगा।
- यह योजना निर्यात में निरंतरता सुनिश्चित करेगी।
- नए क्षेत्रों में भारत के निर्यात आधार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- डिजिटल प्रबंधन से प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईएमपी) को मंजूरी दिए जाने के मोदी सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे गेमचेंजर बताया है।
इस योजना का उद्देश्य देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता, एमएसएमई, पहले बार के निर्यातकों और अधिक श्रम उपयोग वाले क्षेत्रों को सशक्त बनाना है।
इस योजना का ऐलान आम बजट 2025-26 में हुआ था।
फियो के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा, "एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन भारत के व्यापार क्षेत्र के लिए एक व्यावहारिक और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह मिशन वित्तीय और गैर-वित्तीय हस्तक्षेपों को एक एकीकृत फ्रेमवर्क के तहत लाकर वैश्विक व्यापार गतिशीलता के लिए आवश्यक निरंतरता, लचीलापन और जवाबदेही प्रदान करता है। यह खास तौर पर एमएसएमई को सशक्त करेगा, जिन्हें अक्सर किफायती वित्त और अनुपालन सहायता प्राप्त करने में कठिनाई होती है।"
उन्होंने आगे कहा कि एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन उन संरचनात्मक चुनौतियों का समय पर समाधान है, जो भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को लंबे समय से प्रभावित कर रही हैं, जैसे वित्त तक सीमित पहुंच और उच्च अनुपालन लागत, साथ ही कमजोर ब्रांडिंग और लॉजिस्टिक्स में बाधाएं।
रल्हन के अनुसार, इस मिशन से निर्यात में निरंतरता सुनिश्चित होगी, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और भारत के निर्यात आधार को नए क्षेत्रों में बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस मिशन के अंतर्गत, कपड़ा, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग गुड्स और समुद्री उत्पादों जैसे हालिया वैश्विक टैरिफ वृद्धि से प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे निरंतर निर्यात ऑर्डर और रोजगार सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
इस मिशन के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा, जो पारदर्शिता, गति और सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक एकीकृत प्लेटफॉर्म के माध्यम से सभी प्रक्रियाओं का डिजिटल प्रबंधन करेगा।
राल्हन के अनुसार, मौजूदा व्यापार प्रणालियों के साथ मिशन का डिजिटल एकीकरण निर्यातकों के अनुभव को बदल देगा और कागजी कार्रवाई में कमी लाएगा। इसके साथ ही समन्वय में सुधार होगा और समय पर वितरण सुनिश्चित होगा।
निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम न केवल जमानत मुक्त ऋण प्रदान करेगी, बल्कि अतिरिक्त वित्तीय तरलता भी उपलब्ध कराएगी, जो आज की जरूरत है।