क्या 'फियो' माइटेक्स इंटरनेशनल टूल्स एक्सपो में भाग लेकर भारत और रूस के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- फियो की भागीदारी से भारत-रूस व्यापारिक संबंधों में वृद्धि होगी।
- माइटेक्स 2025 भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा।
- 20 भारतीय कंपनियाँ अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी।
- साइडलाइन इवेंट्स में व्यापारिक साझेदारियाँ स्थापित करने का अवसर मिलेगा।
- रूस भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है।
नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और रूस के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (फियो) रूस की राजधानी मॉस्को में होने वाले माइटेक्स इंटरनेशनल टूल्स एक्सपो में भाग लेने जा रहा है। सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह आयोजन 11-14 नवंबर तक चलने वाला है।
फियो की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, यह कार्यक्रम रूस में टूल उद्योग का एक बेहद महत्वपूर्ण इवेंट है। यह हर वर्ष रशियन कैपिटल में प्रमुख मैन्युफैक्चरर्स, टूल सप्लायर्स, कॉर्पोरेट्स और प्राइवेट कंज्यूमर को एकत्र करता है। पिछले वर्ष 2024 में इस इवेंट में 26000 से अधिक बिजनेस विजिटर्स ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी।
माइटेक्स 2025 इवेंट में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व फियो के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन करेंगे। उनके साथ फियो के डायरेक्टर जनरल और सीईओ अजय सहाय भी शामिल होंगे।
फियो के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन ने इस मौके पर कहा कि भारत के लिए रूस एक महत्वपूर्ण बिजनेस पार्टनर रहा है। इंजीनियरिंग और टूल्स सेक्टर दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत बना सकते हैं।
उन्होंने कहा, "हमारा रूस को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात तेजी से बढ़ रहा है और इस वर्ष यह 1.75 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।"
माइटेक्स 2025 इवेंट में भागीदारी का उद्देश्य वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करना और भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस को रूस के बाजारों में बढ़ावा देना है। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
'फियो इंडिया पैवेलियन' के तहत 20 भारतीय कंपनियों द्वारा उनके उत्पादों को प्रदर्शित किए जाने की संभावना है, जिसमें हैंड टूल्स, इंजीनियरिंग गुड्स, इंडस्ट्रियल हार्डवेयर और मशीनरी पार्ट्स शामिल होंगे।
फियो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पैवेलियन हॉल नंबर 5 में स्थापित होगा, जो भारत की बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग शक्ति को प्रदर्शित करेगा। यह भारत की ग्लोबल इंडस्ट्रियल वैल्यू चेन में एक विश्वसनीय सप्लायर के रूप में पहचान को भी मजबूत करेगा।
इस यात्रा के साइडलाइन इवेंट्स में मास्को में भारतीय दूतावास, भारत सरकार का वाणिज्य विभाग, फियो और इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से बीटूबी मीटिंग आयोजित की जाएगी। यह मीटिंग भारतीय निर्यातकों और रूसी उद्योग प्रतिनिधियों के बीच ट्रेड पार्टनरशिप, जॉइंट वेंचर्स और मार्केट लिंक्स स्थापित करने के लिए होगी।