क्या गैलेक्सी एआई अब फिलिपिनो और गुजराती भाषाओं में उपलब्ध है?
सारांश
Key Takeaways
- गैलेक्सी एआई अब 22 भाषाओं में उपलब्ध है।
- फिलिपिनो और गुजराती भाषाएं जोड़ी गई हैं।
- भाषा की बाधाओं को कम करने का प्रयास।
- लाइव ट्रांसलेट और इंटरप्रिटेशन जैसी सुविधाएं।
- भारत की बहुभाषी विरासत का सम्मान।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें गैलेक्सी एआई के लिए दो नई भाषाएं फिलिपिनो और गुजराती जोड़ी गई हैं। इस अद्यतन के साथ, गैलेक्सी एआई का उपयोग अब कुल 22 भाषाओं में संभव हो गया है।
कंपनी का कहना है कि गैलेक्सी एआई में नई भाषाओं को जोड़ने का मुख्य उद्देश्य भाषा की बाधाओं को कम करना है, जिससे अधिक से अधिक उपयोगकर्ता इस एआई का लाभ उठा सकें।
गैलेक्सी एआई का विस्तार विभिन्न क्षेत्रों के उपयोगकर्ताओं के लिए इसे और भी सुलभ बना रहा है। इसे रोजाना की जिंदगी में संवाद और उत्पादकता को सरल और सहज बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यूजर्स को गैलेक्सी एआई के साथ लाइव ट्रांसलेट, इंटरप्रिटेशन, चैट, नोट और ब्राउज़िंग असिस्ट जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
यहां तक कि गैलेक्सी एआई में रीयल-टाइम, टू-वे वॉइस और टेक्स्ट ट्रांसलेशन की सुविधाएं भी हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय कॉल पर बातचीत करना सरल हो जाता है।
यूजर्स मीटिंग और लेक्चर की आवाज़ रिकॉर्डिंग को ट्रांसक्राइब, समराइज और ट्रांसलेट करने के लिए ट्रांसक्रिप्ट असिस्ट का उपयोग कर सकते हैं।
इसके अलावा, गैलेक्सी एआई के ब्राउज़िंग असिस्ट की मदद से यूजर्स को नए मुद्दों के बारे में अपडेट रखा जाता है और यह न्यूज़ आर्टिकल्स और वेब पेजों को समराइज करने की सुविधा भी देता है।
भारत में सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट के सीनियर डायरेक्टर और लैंग्वेज एआई टीम के हेड, गिरिधर जक्की ने कहा, "गैलेक्सी एआई में गुजराती का समावेश करना भारत में एआई को सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां भाषाओं की विविधता है।"
उन्होंने कहा कि गुजराती को जोड़कर, हम गुजराती बोलने वालों को कॉल असिस्ट और इंटरप्रेटर जैसे लोकप्रिय गैलेक्सी एआई फीचर्स का उपयोग करने में मदद कर रहे हैं, जो सभी हमारी एडवांस्ड ऑन-डिवाइस एआई टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं।
जक्की ने आगे कहा, "जैसे-जैसे हम गैलेक्सी एआई की भाषाई पहुंच का विस्तार कर रहे हैं, हम ऐसी तकनीक विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो भारत की बहुभाषी विरासत को संरक्षित करे और समुदायों को एक-दूसरे से जुड़ी दुनिया में आगे बढ़ने में सशक्त बनाए।"