क्या जीएसटी 2.0 आजाद भारत में अब तक की सबसे बड़ी टैक्स क्रांति है?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी 2.0 आजाद भारत की सबसे बड़ी टैक्स क्रांति है।
- आम आदमी के लिए टैक्स में कमी हुई है।
- कई जरूरी वस्तुओं पर टैक्स कम हुआ है।
- लाइफ सेविंग ड्रग्स पर टैक्स शून्य किया गया है।
- अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
नई दिल्ली, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को कहा कि जीएसटी 2.0 आजाद भारत में अब तक की सबसे बड़ी टैक्स क्रांति है और इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा, "जीएसटी सुधार एक बहुत बड़ा साहसिक निर्णय है और यह आजाद भारत में अभी तक की सबसे बड़ी टैक्स क्रांति है। इससे आम आदमी के लिए टैक्स काफी कम हो गया है और इस कारण से हम जीएसटी 2.0 को बचत उत्सव के रूप में मना रहे हैं।"
पटेल ने आगे कहा कि जीएसटी सुधार से टैक्स कम होने से आर्थिक गतिविधियां आगे बढ़ेंगी, जिससे देश के विकास की रफ्तार को तेज करने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर आम आदमी हो या देश की आर्थिक गतिविधि हर दृष्टि से जीएसटी 2.0 फायदेमंद है।
केंद्रीय राज्य मंत्री के मुताबिक, जीएसटी सुधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 का भी समर्थन करते हैं, क्योंकि 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें देश को स्वस्थ बनाना होगा और इसके लिए किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा जरूरी है। जीएसटी 2.0 के तहत कई दवाओं पर टैक्स को कम या शून्य किया गया है। लाइफ सेविंग ड्रग्स पर टैक्स को शून्य कर दिया गया है। वहीं, हेल्थ इंश्योरेंस पर भी टैक्स को १८ प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है।
भारत का नया गुड्स एंड सर्विस टैक्स सिस्टम सोमवार से लागू हो गया। जीएसटी सुधार से रोजमर्रा की जरूरी चीजें और लाइफ सेविंग मेडिसिन सहित लगभग ३७० प्रोडक्ट पर टैक्स कम हो गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि इस बदलाव का मकसद उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में लगभग २ लाख करोड़ रुपए का निवेश करना है।
लाइफ सेविंग ड्रग्स के अलावा अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूटीएच) दूध, प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड छेना/पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती/रोटी जैसी ब्रेड सहित ५० से अधिक आइटम अब जीरो टैक्स कैटेगरी में आ चुके हैं।
कैंसर और दुर्लभ बीमारियों जैसी स्थितियों के लिए ३३ जरूरी दवाएं और थेरेपी अब शून्य जीएसटी के तहत आते हैं, जबकि कई अन्य दवाओं पर भी टैक्स रेट १२ प्रतिशत से घटाकर जीरो कर दिया गया है। डायग्नोस्टिक किट और ग्लूकोमीटर जैसे मेडिकल डिवाइस पर अब केवल ५ प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।