क्या जीएसटी 2.0 का असर अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी 2.0 के तहत 40,000 बेकार नियम हटाए गए।
- 1,500 पुराने कानूनों का निरसन किया गया।
- जुलाई से नवंबर में जीएसटी संग्रह में वृद्धि हुई।
- लोगों की खरीदारी में बढ़ोतरी हुई है।
- सरकार कस्टम टैक्स को आसान बनाने की योजना बना रही है।
नई दिल्ली, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल के वर्षों में केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, ताकि एक आधुनिक, कुशल और नागरिक-हितैषी प्रणाली का निर्माण हो सके।
इन सुधारों के तहत 40,000 से अधिक अनावश्यक नियमों को समाप्त किया गया और 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को रद्द किया गया, जिससे देश में व्यवसाय करना और भी सरल हो गया है। २२ सितंबर को लागू हुए जीएसटी दरों में बदलाव को भी एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण को पूरा करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए कहा था कि दीपावली तक नए जीएसटी सुधार प्रस्तुत किए जाएंगे। इन सुधारों के माध्यम से दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कर कम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे आम लोगों पर कर का बोझ हल्का होगा और यह दीपावली का उपहार होगा।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी 2.0 का प्रभाव अब सामने आ रहा है। लोगों की खरीदारी में वृद्धि हुई है, विशेषकर गाड़ियों जैसे क्षेत्रों में बिक्री में वृद्धि हुई है और लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
नवंबर में यात्री वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। त्योहारों के बाद की मांग, जीएसटी दरों में कमी और शादी के मौसम के कारण गाड़ियों की बिक्री में वृद्धि हुई। एक रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में खुदरा बिक्री पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत बढ़ी, जबकि थोक बिक्री में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 4.1 लाख यूनिट तक पहुँच गई।
जीएसटी दरों में बदलाव से राज्यों की राजस्व में भी वृद्धि हुई है। सितंबर से नवंबर के बीच राज्यों को मिलने वाला जीएसटी राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक रहा।
हाल ही में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि चालू वित्त वर्ष (2025-26) में सितंबर से नवंबर के दौरान जीएसटी संग्रह 2024-25 की इसी अवधि में 2,46,197 करोड़ रुपए से बढ़कर 2,59,202 करोड़ रुपए हो गया।
सरकार का मानना है कि जीएसटी सुधार और व्यापार को सरल बनाने की नीतियों से लोगों की खरीदारी और बढ़ेगी। इससे भविष्य में जीएसटी से होने वाली आय भी अधिक होगी।
जीएसटी सुधारों के बाद लोगों का विश्वास बढ़ा है और बैंक से लिए जाने वाले ऋण में भी वृद्धि हुई है। कई आँकड़े यह दर्शाते हैं कि जीएसटी सुधारों के बाद देश की आर्थिक गतिविधियाँ तेज हुई हैं।
सरकारी आँकड़ों के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर 2025 के दौरान ई-वे बिल निर्माण में वार्षिक आधार पर 14.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच कुल जीएसटी संग्रह में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो यह दर्शाता है कि मजबूत खपत और नियमों के बेहतर अनुपालन के कारण राजस्व का मूल स्रोत स्थिर बना हुआ है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, अब सरकार का अगला लक्ष्य कस्टम टैक्स को सरल बनाना है।