क्या सिन गुड्स को खरीदना पड़ेगा महंगा? जीएसटी परिषद ने 40 प्रतिशत कर स्लैब पर लगाई मुहर

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क्या सिन गुड्स को खरीदना पड़ेगा महंगा? जीएसटी परिषद ने 40 प्रतिशत कर स्लैब पर लगाई मुहर

सारांश

नई दिल्ली में जीएसटी परिषद ने हानिकारक वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय 22 सितंबर, 2025 से लागू होगा। इससे तंबाकू और महंगी वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी। जानें इसके प्रभाव और अर्थव्यवस्था पर इसके असर के बारे में।

Key Takeaways

  • जीएसटी परिषद ने 40 प्रतिशत कर की मंजूरी दी।
  • 22 सितंबर, 2025 से लागू होगा।
  • तंबाकू और महंगी वस्तुएं प्रभावित होंगी।
  • शराब पर अलग से कर लगेगा।
  • आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद।

नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने हानिकारक और विलासिता की वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर दर को मंजूरी दी है, जो वर्तमान 28 प्रतिशत से बढ़कर 22 सितंबर, 2025 से लागू होगी। जीएसटी 2.0 सुधार ने करों को मुख्य रूप से दो दरों 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत में विभाजित कर दिया है।

जिन वस्तुओं पर पहले तंबाकू, मीठे पेय और महंगी गाड़ियों पर 28 प्रतिशत कर लगता था, उन्हें अब 40 प्रतिशत कर स्लैब में डाल दिया गया है।

तंबाकू उत्पाद जैसे सिगरेट, सिगार, चुरूट, सिगारिलो, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू (जैसे जर्दा), अनमैन्युफैक्चर्ड तंबाकू, बीड़ी, सुगंधित तंबाकू और पान मसाला पर 40 प्रतिशत कर लागू होगा।

पेट्रोल के लिए 1200 सीसी और डीज़ल के लिए 1500 सीसी से अधिक इंजन वाली लक्ज़री कारों के साथ-साथ मीठे, फ्लेवर्ड और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर 40 प्रतिशत का नया कर स्लैब लागू होगा।

सिन टैक्स, हानिकारक या सामाजिक रूप से महंगी वस्तुओं पर लगाया जाने वाला उत्पाद शुल्क है, जो जन कल्याण के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करते हुए इनके उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए लगाया जाता है।

हालांकि, सरकार ने घोषणा की है कि तंबाकू उत्पादों पर 28 प्रतिशत और सेस की दर तब तक लागू रहेगी जब तक कि क्षतिपूर्ति उपकर ऋण का भुगतान नहीं हो जाता, जिसके बाद ये 40 प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगे।

शराब जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगी और राज्यों द्वारा उत्पाद शुल्क के माध्यम से इस पर अलग से कर लगाया जाता रहेगा।

विश्लेषकों के अनुसार, आईटीसी लिमिटेड, जो अपना 80 प्रतिशत लाभ सिगरेट से कमाती है, को कर वृद्धि से जोखिम का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन नियामक परिवर्तनों से संबंधित अनिश्चितता कम होने से उसे लाभ हो सकता है।

इसके अलावा, स्लैब बढ़ाए जाने के बावजूद, तंबाकू पर कुल कर का बोझ जीएसटी और उपकर को मिलाकर 88 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगा।

कम करों के कारण उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा मिलेगा।

Point of View

मैं मानता हूँ कि इस निर्णय से सरकार को आवश्यक राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन इससे आम जनता की जीवनशैली पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। हमें संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी परिषद ने किन वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लगाया है?
जीएसटी परिषद ने तंबाकू, मीठे पेय और महंगी गाड़ियों जैसी हानिकारक वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लगाया है।
यह नया कर कब से लागू होगा?
यह नया कर 22 सितंबर, 2025 से लागू होगा।
क्या शराब पर भी जीएसटी लगेगा?
नहीं, शराब जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगी।
इस निर्णय का आम जनता पर क्या असर होगा?
इससे महंगी वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी, जो आम जनता की बजट पर असर डाल सकती हैं।
क्या इस निर्णय से अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा?
विश्लेषकों का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा मिल सकता है।