क्या जीएसटी कटौती का लाभ ग्राहकों को देना आवश्यक है, मुनाफाखोरी से इंडस्ट्री को नुकसान होगा?

Key Takeaways
- जीएसटी कटौती का लाभ ग्राहकों को देना आवश्यक है।
- मुनाफाखोरी से पूरी इंडस्ट्री को नुकसान हो सकता है।
- सरकार ने इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई है।
- जीएसटी सुधार से वस्तुओं की कीमतें कम होंगी।
- यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।
चेन्नई, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वस्तु एवं कर सुधार (जीएसटी) की कटौती का लाभ असली ग्राहकों को ट्रांसफर करना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा मुनाफाखोरी से सम्पूर्ण इंडस्ट्री को भारी नुकसान हो सकता है। यह महत्वपूर्ण बयान रविवार को एक विशेषज्ञ द्वारा दिया गया।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट टीजी सुरेश ने कहा, "कंपनियों को ग्राहकों को बनाए रखने के लिए जीएसटी कटौती का लाभ ट्रांसफर करना अनिवार्य है। यदि वे मुनाफाखोरी करती हैं तो इससे सम्पूर्ण इंडस्ट्री को नुकसान होगा।"
सुरेश ने आगे कहा कि इस बार के बजट में सरकार ने इनकम टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपए करने का ऐलान किया था, जिससे लोगों के हाथ में पहले की तुलना में अधिक पैसे बचेंगे। साथ ही, अब जीएसटी सुधार से वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी। इन दोनों के संयोजन से लोगों की खर्च करने की क्षमता में काफी इजाफा होगा।
इसके अतिरिक्त, इन सुधारों से देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी और देश लंबे समय तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
इससे पहले, ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के ज्वाइंट कॉन्क्लेव में लोगों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने कहा, "सरकार ने जीएसटी सुधार के तहत टैक्स स्लैब की संख्या को चार (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) से घटाकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) कर दिया है।"
वित्त मंत्री ने आगे कहा, "जब लोगों को लगा कि सरकार ज्यादा टैक्स लगा रही है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स के बोझ को घटाने के लिए कदम उठाए। जीएसटी में कटौती का हमारे 140 करोड़ नागरिकों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री दिवाली से पहले देश को यह छूट देना चाहते थे, लेकिन हमें नवरात्रि से पहले ही इसकी घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है। यह सभी भारतीयों की जीत है।"
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब वाली 90 प्रतिशत वस्तुओं पर कर को घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य कर दिया है। वहीं, सरकार ने 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब वाली 99 प्रतिशत वस्तुओं पर कर को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। इससे लोगों पर कर का बोझ कम होगा।