क्या गुजरात में तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स में पायलट प्रोडक्शन शुरू हो चुका है?
सारांश
Key Takeaways
- गुजरात में तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स में पायलट प्रोडक्शन शुरू हुआ है।
- केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्लांट्स की प्रगति की समीक्षा की।
- उत्पादन में अगले कुछ महीनों में वृद्धि की संभावना है।
- धोलेरा हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनेगा।
- भारत में सेमीकंडक्टर की पहली मेड-इन-इंडिया चिप जल्द ही बाजार में आएगी।
गांधीनगर, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को बताया कि गुजरात में तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स में पायलट प्रोडक्शन सक्रिय हो गया है।
केंद्रीय मंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी और आईटी मंत्री अर्जुन मोढवाडिया के साथ मिलकर गुजरात में विकसित हो रहे चारों सेमीकंडक्टर प्लांट्स की समीक्षा की।
मीडिया से बातचीत में वैष्णव ने कहा कि चारों प्रोजेक्ट्स पर कार्य तेजी से चल रहा है। कायन्स और सीजी के प्लांट में पायलट प्रोडक्शन शुरू हो चुका है और अगले दो से तीन महीनों में उत्पादन में वृद्धि होने की उम्मीद है।
उन्होंने यह भी कहा कि माइक्रोन के मिनी प्लांट में पहले से ही पायलट प्रोडक्शन जारी है और इसके उत्पादन में और वृद्धि की संभावना है।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, धोलेरा में बन रहे फैब प्रोजेक्ट पर भी तेज़ी से काम चल रहा है। आने वाले समय में धोलेरा हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।
देश में कई सेमीकंडक्टर प्लांट्स का निर्माण हो रहा है। पहली मेड-इन-इंडिया 28-90 एनएम चिप जल्द ही बाजार में उपलब्ध हो सकती है।
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में छोटे नैनोमीटर (एनएम) का माप अधिक कॉम्पैक्ट ट्रांजिस्टर डिजाइन को दर्शाता है, जिससे निर्माताओं को एक ही चिप पर ज्यादा ट्रांजिस्टर फिट करने का अवसर मिलता है। 28-90 एनएम चिप का उपयोग ऑटोमोटिव, दूरसंचार, बिजली और ट्रेनों में किया जाता है।
इससे पहले शनिवार को केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने ओडिशा के भुवनेश्वर में सिक्सेम प्राइवेट लिमिटेड के कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब और एटीएमपी फैसिलिटी के भूमि पूजन और ग्राउंडब्रेकिंग समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में छह गुना वृद्धि हुई है, जबकि निर्यात में आठ गुना वृद्धि हुई है। आज, इलेक्ट्रॉनिक्स भारत से सबसे अधिक निर्यात होने वाली वस्तुओं की सूची में तीसरे स्थान पर है। इस सेमीकंडक्टर फैसिलिटी जैसे प्रोजेक्ट्स के माध्यम से ओडिशा जल्द ही इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।