क्या 'एसटीईएम' में महिलाओं को आगे बढ़ाने के अवसर देना विकसित भारत के दृष्टिकोण के लिए आवश्यक है?: एफएलओ

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क्या 'एसटीईएम' में महिलाओं को आगे बढ़ाने के अवसर देना विकसित भारत के दृष्टिकोण के लिए आवश्यक है?: एफएलओ

सारांश

क्या आपको पता है कि 'एसटीईएम' में महिलाओं की भागीदारी केवल 14% है? एफएलओ की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाने की आवश्यकता है। जानें कैसे महिला एंटरप्रेन्योरशिप से भारत की जीडीपी में सुधार हो सकता है।

Key Takeaways

  • महिलाओं की भागीदारी एसटीईएम में केवल 14% है।
  • लीकी पाइपलाइन से मानव संसाधन की बर्बादी होती है।
  • महिला एंटरप्रेन्योरशिप से GDP में वृद्धि हो सकती है।
  • सरकारी पहलों का सकारात्मक प्रभाव है।
  • नेशनल मिशन की स्थापना की सिफारिश की गई है।

नई दिल्ली, ३० अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) ने कहा कि साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स (एसटीईएम) में महिलाओं को शामिल करना और उन्हें आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करना केवल सामाजिक समानता का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश की इनोवेशन, आर्थिक प्रतिस्पर्धा और विकसित भारत के विज़न को सफल बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

एफएलओ की नेशनल प्रेसिडेंट पूनम शर्मा ने कहा, "भारत में एसटीईएम में कुल एनरोलमेंट में महिलाओं की ४३ प्रतिशत भागीदारी है, और यह ग्लोबल लीडर के रूप में हमारे योगदान को दर्शाता है। लेकिन एसटीईएम करियर में आगे बढ़ने वाली महिलाओं की भागीदारी केवल १४ प्रतिशत तक रह जाती है।"

शर्मा ने आगे कहा, "महिलाओं की इस तरह की कम भागीदारी को लीकी पाइपलाइन कहा जाता है, जो मानव संसाधन की एक बड़ी बर्बादी का संकेत है और इनोवेशन में बाधा डालता है। क्रिटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट संस्थानों में महिलाओं की संख्या केवल १६.६ प्रतिशत है। इस स्थिति की आर्थिक कीमत अत्यधिक है।"

सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप प्लेटफॉर्म के अनुसार, महिलाओं की लेबर फोर्स में भागीदारी को बढ़ाने से जीडीपी में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। अकेले महिला एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने से २०३० तक १५०-१७० मिलियन नौकरियां उत्पन्न की जा सकती हैं।

शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि एफएलओ ने हाल ही में एक अध्ययन किया, जिसमें उन सिस्टमेटिक रुकावटों को उजागर किया गया जो इस लीकी पाइपलाइन में योगदान देती हैं। इसमें पुराने सामाजिक-सांस्कृतिक नियम और बिना पेमेंट वाले काम का अधिक बोझ शामिल हैं।

साथ ही, यह अध्ययन सरकारी पहलों जैसे वाइज-किरण और स्टार्टअप इंडिया द्वारा समर्थित बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के प्रभाव को भी उजागर करता है।

एफएलओ की मुख्य सिफारिशों में एजुकेशनल अचीवमेंट और वर्कफोर्स पार्टिसिपेशन के बीच के अंतर को कम करना शामिल है।

यह अध्ययन एक स्ट्रेटेजिक, मल्टी-स्टेकहोल्डर रोडमैप प्रस्तुत करता है, जिसमें एसटीईएम में महिलाओं को बनाए रखने के लिए एक नेशनल मिशन स्थापित करने की सिफारिश की गई है।

Point of View

बल्कि यह हमारे आर्थिक विकास और विकसित भारत के उद्देश्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

एसटीईएम में महिलाओं की भागीदारी क्यों महत्वपूर्ण है?
महिलाओं की भागीदारी से न केवल सामाजिक समानता बढ़ती है, बल्कि यह देश की आर्थिक प्रतिस्पर्धा और इनोवेशन को भी बढ़ावा देती है।
लीकी पाइपलाइन क्या है?
लीकी पाइपलाइन उस स्थिति को कहा जाता है जहां महिलाओं की एसटीईएम करियर में भागीदारी कम होती है, जो मानव संसाधन की बर्बादी और इनोवेशन में बाधा डालती है।
महिला एंटरप्रेन्योरशिप से क्या लाभ हो सकता है?
महिला एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने से 2030 तक 150-170 मिलियन नौकरियां उत्पन्न हो सकती हैं।