क्या केंद्र ने फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में पीआरआईपी योजना के तहत उद्योग और स्टार्टअप परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए?

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क्या केंद्र ने फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में पीआरआईपी योजना के तहत उद्योग और स्टार्टअप परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए?

सारांश

केंद्र सरकार ने फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार संवर्धन (पीआरआईपी) योजना के तहत उद्योग और स्टार्टअप परियोजनाओं के लिए 11,000 करोड़ रुपए के प्रस्तावों के साथ एक नई दिशा दी है। इस योजना से नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।

Key Takeaways

  • केंद्र सरकार ने फार्मा-मेडटेक क्षेत्र के लिए 11,000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।
  • यह योजना नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल है।
  • प्रारंभिक चरण की परियोजनाओं के लिए 5 करोड़ रुपए तक की सहायता उपलब्ध है।
  • बाद के चरण की परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।
  • आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार संवर्धन (पीआरआईपी) योजना के तहत उद्योग और स्टार्टअप परियोजनाओं के लिए लगभग 11,000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।

औषधि विभाग ने अपनी पीआरआईपी योजना के अंतर्गत अनुसंधान एवं नवाचार परियोजनाओं के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह योजना इस क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और नवाचार-संचालित क्षेत्र में बदलने के लिए एक ऐतिहासिक पहल है।

5,000 करोड़ रुपए के स्वीकृत परिव्यय के साथ, इस योजना से नई दवाओं, जटिल जेनेरिक दवाओं, बायोसिमिलर और नए चिकित्सा उपकरणों में लगभग 11,000 करोड़ रुपए के कुल अनुसंधान एवं विकास निवेश वाली लगभग 300 परियोजनाओं को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

विभाग ने पहले अधिसूचित योजना में संशोधनों को अधिसूचित किया है और संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं।

संशोधित योजना के तहत, प्रारंभिक चरण की परियोजनाओं के लिए, एमएसएमई और स्टार्टअप 5 करोड़ रुपए तक की सहायता के लिए 9 करोड़ रुपए तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं।

बाद के चरण की परियोजनाओं के लिए, उद्योग, एमएसएमई और स्टार्टअप्स की 285 करोड़ रुपए तक की लागत वाली परियोजनाएं 100 करोड़ रुपए तक की सहायता के लिए आवेदन कर सकती हैं।

प्रारंभिक चरण की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता का पैमाना 1 करोड़ रुपए तक की लागत के लिए 100 प्रतिशत और 1 करोड़ रुपए से अधिक की अतिरिक्त लागत का 50 प्रतिशत है, जो अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक सीमित है।

बाद के चरण की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता का पैमाना परियोजना लागत का 35 प्रतिशत है, जो अधिकतम 100 करोड़ रुपए तक सीमित है।

इसके अतिरिक्त, उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य महत्व वाले लेकिन अपेक्षाकृत कम बाजार क्षमता वाले क्षेत्रों में भारत के स्वास्थ्य सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से, संशोधित योजना में प्रावधान है कि बाद के चरण की परियोजनाओं के लिए सहायता 50 प्रतिशत तक हो सकती है, जो अधिकतम 100 करोड़ रुपए तक सीमित है।

सरकार ने कहा है कि वित्तीय सहायता के अलावा, संशोधित योजना में नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए मजबूत संस्थागत सक्षमता विकसित करने का प्रावधान है।

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि पूरी तरह से डिजिटल आवेदन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक डेडिकेटेड पोर्टल के माध्यम से आवेदन विंडो 1 अक्टूबर, 2025 से खुल गई है।

Point of View

यह योजना न केवल भारत के फार्मा-मेडटेक क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह स्टार्टअप्स और उद्योगों के लिए नवाचार के नए द्वार भी खोलती है। यह पहल भारत की स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

पीआरआईपी योजना का उद्देश्य क्या है?
पीआरआईपी योजना का उद्देश्य फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करना है।
इस योजना से उद्योग को क्या लाभ होगा?
इस योजना से उद्योग को नई दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के विकास में वित्तीय सहायता मिलेगी।
आवेदन कैसे करें?
आवेदन एक डेडिकेटेड पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है, जो 1 अक्टूबर, 2025 से खुल जाएगा।
कितनी वित्तीय सहायता उपलब्ध है?
प्रारंभिक परियोजनाओं के लिए 5 करोड़ रुपए तक और बाद की परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपए तक की सहायता उपलब्ध है।
क्या यह योजना स्टार्टअप्स के लिए उपयुक्त है?
हाँ, यह योजना विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए डिजाइन की गई है।