क्या हिंडनबर्ग ने भारतीय कंपनियों के वैश्विक साहस को चुनौती दी? : गौतम अदाणी

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क्या हिंडनबर्ग ने भारतीय कंपनियों के वैश्विक साहस को चुनौती दी? : गौतम अदाणी

सारांश

क्या हिंडनबर्ग ने भारतीय कंपनियों के साहस को चुनौती दी? गौतम अदाणी ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है। जानें अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने किन महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया है।

Key Takeaways

  • हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप की आलोचना की थी।
  • सेबी के फैसले से अदाणी ग्रुप को सच्चाई की जीत मिली।
  • गौतम अदाणी ने भारतीय कंपनियों के साहस को बढ़ावा दिया।
  • अदाणी ग्रुप भविष्य में इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान देगा।
  • निवेशकों के प्रति अदाणी ने आभार व्यक्त किया।

अहमदाबाद, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट केवल अदाणी ग्रुप की आलोचना नहीं थी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत भारतीय कंपनियों के साहस के लिए एक सीधी चुनौती थी।

गौतम अदाणी ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा कि २४ जनवरी, २०२३ का दिन एक ऐसी सुबह के रूप में याद किया जाएगा, जब भारत के बाजार ऐसे हेडलाइंस के साथ जगे, जिनकी गूंज दलाल स्ट्रीट से भी बहुत दूर तक सुनाई दी।

गौतम अदाणी ने कहा, "आपके ग्रुप के लिए, यह एक परीक्षा की शुरुआत थी जिसने हमारी मजबूती के हर पहलू को चुनौती दी। इसने हमारे कार्य, हमारे उद्देश्य और इस विचार को चुनौती दी कि क्या भारतीय कंपनियां आकार और महत्वाकांक्षा के मामले में दुनिया का नेतृत्व कर सकती हैं।"

पिछले सप्ताह, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने अदाणी ग्रुप और उसके अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए एक स्पष्ट और अंतिम फैसला सुनाया।

गौतम अदाणी ने कहा, "सेबी के स्पष्ट और अंतिम फैसले के साथ सच्चाई की जीत हुई है। जैसा कि हमने हमेशा कहा था - केवल सच्चाई की ही जीत होगी। जो हमें कमजोर करना चाहता था, उसने हमारे आधार को और मजबूत कर दिया।"

उन्होंने कहा कि यह पल केवल एक नियामक मंजूरी से कहीं अधिक है। यह इस बात का भी प्रमाण है कि आपकी कंपनी ने हमेशा पारदर्शिता, सुशासन और सही मकसद से काम किया है। इस अवधि में हमारी मजबूती का सबसे बड़ा प्रमाण शब्दों में नहीं, बल्कि हमारे प्रदर्शन में है।

गौतम अदाणी ने कहा, "जिस चीज का मकसद हमें नुकसान पहुंचाना था, वह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। इसने हमारी नींव को और मजबूत किया, हमारे लक्ष्यों को और स्पष्ट किया और भारत के भविष्य के लिए बड़े पैमाने पर, तेजी से और मजबूती से निर्माण करने की हमारी जिम्मेदारी की फिर से पुष्टि की। हालांकि, जब यह सब चल रहा था, मैं अपने निवेशकों, लेनदारों, आपूर्तिकर्ताओं और भागीदारों की चिंता के प्रति पूरी तरह से सचेत था।"

उन्होंने आगे कहा, "आपका भरोसा हमें स्थिर रखता था, आपका धैर्य और आपका विश्वास हमें मजबूत बनाए रखता था। इस असाधारण समर्थन के लिए, मैं आपका आभारी हूं।”

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि आगे, ग्रुप ऐसे कामकाजी मानकों को मजबूत करेगा जो बाजार और नियामकों में विश्वास जगाएगा; इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देगा, जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में बेंचमार्क स्थापित करेगा। हम देश के विकास पर और अधिक ध्यान देंगे और भारत की लंबी अवधि की ग्रोथ स्टोरी को आगे बढ़ाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करेंगे।

गौतम अदाणी ने कहा, "यह समय केवल भरोसा वापस लाने का नहीं है, यह इस बात को फिर से साबित करने का भी है कि आपकी कंपनी किन मूल्यों पर चलती है। हमारे मूल्य मुश्किल समय में भी दृढ़ता, काम में ईमानदारी और भारत और दुनिया के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने के अटूट संकल्प में हैं।

Point of View

बल्कि वे भारतीय कंपनियों के प्रति भी एक सशक्त विश्वास व्यक्त करते हैं। इस प्रकार की बातचीत भारतीय व्यापार जगत में एक नई ऊर्जा का संचार करती है।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मुख्य मुद्दा क्या था?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप के वित्तीय असामान्यताओं और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
गौतम अदाणी ने सेबी के फैसले पर क्या कहा?
गौतम अदाणी ने कहा कि सेबी के फैसले से सच्चाई की जीत हुई है और यह हमारी पारदर्शिता का प्रमाण है।
अदाणी ग्रुप का भविष्य क्या है?
अदाणी ग्रुप ने भविष्य में इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान देने का संकल्प लिया है।
भारतीय कंपनियाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं?
भारतीय कंपनियों को पारदर्शिता, सुशासन और सशक्त रणनीतियों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
गौतम अदाणी ने निवेशकों से क्या कहा?
गौतम अदाणी ने निवेशकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका विश्वास हमें मजबूत बनाता है।