क्या भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलना गौतम अदाणी के लिए सम्मान है?

सारांश
Key Takeaways
- गौतम अदाणी का भूटान के प्रधानमंत्री से मिलना एक महत्वपूर्ण साझेदारी की शुरुआत है।
- 570 मेगावाट की वांगछू जलविद्युत परियोजना पर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- इस परियोजना से स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा।
- भूटान का लक्ष्य हाई इनकम जीएनएच देश बनना है।
- गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना के संभावित लाभ भी चर्चा का विषय हैं।
अहमदाबाद, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने शनिवार को कहा कि भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलना उनके लिए अत्यंत सम्मान की बात है, क्योंकि उनकी कंपनी का उद्देश्य पड़ोसी देश में ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदारी को सशक्त बनाना है।
अदाणी पावर और भूटान की सरकारी स्वामित्व वाली बिजली उत्पादन कंपनी ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्प लिमिटेड (डीजीपीसी) ने भूटान में 570 मेगावाट की वांगछू जलविद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए शेयरधारक समझौते (एसएचए) पर हस्ताक्षर किए हैं।
गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलना और अदाणी समूह तथा भूटान के ऊर्जा क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण साझेदारी की शुरुआत करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात थी।"
तोबगे ने भी एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "आज शाम, मैं अदाणी पावर लिमिटेड और डीजीपीसी के बीच 570 मेगावाट की वांगछू जलविद्युत परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर का गवाह बना, जो भूटान-भारत स्वच्छ ऊर्जा सहयोग में एक मील का पत्थर है।"
इसी के साथ, बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर भी एक सैद्धांतिक सहमति बनी और डेवलपर्स ने भूटान की शाही सरकार के साथ परियोजना के लिए रियायत समझौते (सीए) पर भी हस्ताक्षर किए।
इस पहल से अदाणी पावर और डीजीपीसी के लिए पीकिंग रन-ऑफ-रिवर वांगछू जलविद्युत परियोजना को बीओओटी (बिल्ड, ओन, ऑपरेट, ट्रांसफर) मॉडल पर शुरू करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
वांगछू परियोजना में रिन्यूएबल एनर्जी पावर प्लांट और संबंधित ढांचे की स्थापना में लगभग 60 अरब रुपए का निवेश होगा।
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की तैयारी पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य 2026 की पहली छमाही तक शुरू होने की उम्मीद है। इसे शिलान्यास के पांच वर्षों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
भूटान अगले दशक में एक हाई इनकम ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस (जीएनएच) देश बनने का प्रयास कर रहा है, इसलिए जलविद्युत और सौर ऊर्जा जैसे रिन्यूएबल एनर्जी संसाधनों से विश्वसनीय और सस्ती बिजली तक पहुंच देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए और अन्य निवेशों को सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
भूटान आगामी गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी (जीएमसी) परियोजना को लेकर भी उत्साहित है, जो भूटान और भारत दोनों के लिए इसके संभावित लाभों पर प्रकाश डालती है। 2,500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला जीएमसी, भूटान का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है, जिसकी परिकल्पना राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने की थी। यह एक इनोवेटिव अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट है, जो आर्थिक विकास को माइंडफुलनेस, समग्र जीवन और सस्टेनेबिलिटी के साथ मिलाता है।