क्या भारत-न्यूजीलैंड एफटीए से निर्यात पर 100 प्रतिशत शुल्क छूट मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- भारत-न्यूजीलैंड एफटीए से निर्यात पर 100% शुल्क छूट मिलेगी।
- किसानों और एमएसएमई को सीधे लाभ होगा।
- न्यूजीलैंड का 20 अरब डॉलर का निवेश भारत में होगा।
- कृषि उत्पादों के लिए नए अवसर खुलेंगे।
- कई संवेदनशील क्षेत्रों को बाहर रखा गया है।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को जानकारी दी कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) भारतीय निर्यात पर शुल्क छूट का प्रावधान करता है। इससे किसानों, एमएसएमई, कर्मचारियों, कारीगरों, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों और युवाओं सहित अधिक श्रम उपयोग वाले क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, कपड़ा, चमड़ा और फुटवियर उद्योग को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, प्लास्टिक, और रासायनिक उद्योगों को भी इसका लाभ होगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस समझौते के तहत न्यूजीलैंड ने भारत में अगले 15 वर्षों में 20 अरब डॉलर का निवेश करने का आश्वासन दिया है, जो मैन्युफैक्चरिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सर्विसेज और इन्वेशन में होगा।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के मार्गदर्शन में और मेरे मित्र एवं समकक्ष मंत्री टॉड मैक्ले के सहयोग से, भारत और न्यूजीलैंड ने नौ महीनों में एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।”
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एफटीए किसानों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे न्यूजीलैंड के बाजारों में भारतीय कृषि उत्पादों के लिए नए अवसर खुलते हैं, जिनमें फल, सब्जियां, कॉफी, मसाले, अनाज और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
कृषि उत्पादकता साझेदारी, उत्कृष्टता केंद्रों और न्यूजीलैंड की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों के माध्यम से भारतीय किसानों को उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने और उच्च आय से लाभ होगा। शहद, कीवी फल और सेब जैसे बागवानी उत्पादों के लिए लक्षित पहलें इस क्षेत्र को मजबूत बनाती हैं और सतत विकास को बढ़ावा देती हैं।
केंद्रीय मंत्री ने विस्तार से बताया कि भारत ने घरेलू संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कई क्षेत्रों को इस एफटीए से बाहर रखा है, जिनमें डेयरी उत्पाद, चीनी, कॉफी, मसाले, खाद्य तेल, बहुमूल्य धातुएं (सोना और चांदी), बहुमूल्य धातु कबाड़ा, कॉपर कैथोड और रबर आधारित उत्पाद शामिल हैं। इससे किसानों, लघु एवं मध्यम उद्यमों और घरेलू उद्योगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
गोयल ने बताया कि यह मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारत के सेवा क्षेत्र के लिए नए अवसर पैदा करता है, जिसमें आईटी और आईटीईएस, वित्त, शिक्षा, पर्यटन, निर्माण और अन्य क्षेत्र शामिल हैं। स्वास्थ्य, पारंपरिक चिकित्सा, छात्र गतिशीलता और अध्ययन के बाद रोजगार से संबंधित न्यूजीलैंड के पहले अनुबंध भारतीय पेशेवरों और छात्रों के लिए नए रास्ते खोलते हैं।
वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इस समझौते में न्यूजीलैंड द्वारा भारत को दी जाने वाली अब तक की सर्वश्रेष्ठ बाजार पहुंच और सेवाओं की पेशकश भी शामिल है, जिसमें कंप्यूटर संबंधी सेवाएं, पेशेवर सेवाएं, ऑडियो विजुअल सेवाएं, दूरसंचार सेवाएं, निर्माण सेवाएं, पर्यटन और यात्रा संबंधी सेवाएं सहित 118 सेवा क्षेत्र शामिल हैं। लगभग 139 उप-क्षेत्रों में मोस्ट-फेवर्ड नेशन कमिटमेंट भी शामिल है।