क्या मध्य पूर्व संकट के बीच भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुला?

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क्या मध्य पूर्व संकट के बीच भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुला?

सारांश

मध्य पूर्व में तनाव के बीच भारतीय शेयर बाजार ने लाल निशान में शुरुआत की। यह लेख जानने योग्य है कि कैसे वैश्विक घटनाओं का असर हमारे आर्थिक बाजार पर पड़ता है। जानिए क्या हैं प्रमुख कारण और निवेशकों की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • भारतीय शेयर बाजार ने मध्य पूर्व संकट के कारण गिरावट देखी।
  • शुरुआती कारोबार में आईटी और ऑटो सेक्टर में बिकवाली हुई।
  • विश्लेषकों का मानना है कि ईरान की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।
  • विदेशी संस्थागत निवेशकों ने खरीदारी जारी रखी।
  • बाजार के लिए तत्काल प्रतिरोध और समर्थन स्तर है।

मुंबई, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के चलते कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लाल निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में आईटी और ऑटो सेक्टर में बिकवाली देखी गई।

सुबह करीब 9.30 बजे, सेंसेक्स 677.10 अंक या 0.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,731.07 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 204.6 अंक या 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,907.75 पर कारोबार कर रहा था।

निफ्टी बैंक 387.75 अंक या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,865.10 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 219.45 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के बाद 57,776.05 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 45.25 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के बाद 18,148.95 पर था।

विश्लेषकों का कहना है कि ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी बमबारी ने संकट को बढ़ा दिया है, लेकिन बाजार पर इसका प्रभाव सीमित रह सकता है। अनिश्चितता का मुख्य कारण ईरानी प्रतिक्रिया की प्रकृति और समय है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "अगर ईरान अमेरिकी रक्षा सुविधाओं को निशाना बनाता है या अमेरिकी सैन्य कर्मियों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, तो अमेरिका की प्रतिक्रिया बहुत बड़ी हो सकती है। लेकिन बाजार का आकलन यह है कि ईरान द्वारा अमेरिका और इजरायल के खिलाफ कुछ सीमाएं हैं।"

इस बीच, सेंसेक्स पैक में इंफोसिस, एचसीएल टेक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, इटरनल, टीसीएस, एशियन पेंट्स, पावर ग्रिड, रिलायंस, आईटीसी टॉप लूजर्स रहे। वहीं, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारती एयरटेल और ट्रेंट टॉप गेनर्स रहे।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 20 जून को लगातार चौथे दिन अपनी खरीदारी जारी रखी और 7,940.70 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 3,049.88 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च हेड देवर्ष वकील ने कहा, "हमें उम्मीद है कि हमारे बाजार प्रतिकूल प्रतिक्रिया देंगे और शुरुआती नुकसान से उबरने से पहले लाल निशान में खुलेंगे। तत्काल प्रतिरोध अब 25,222 के स्तर पर है। समर्थन 24,800 के स्तर पर ऊपर की ओर बढ़ गया है।"

एशियाई बाजारों में बैंकॉक, जापान, सोल, हांगकांग और जकार्ता लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि केवल चीन हरे निशान में कारोबार कर रहा था।

अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को आखिरी कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 35.16 अंक या 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 42,206.82 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 13.03 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,967.84 पर और नैस्डैक 98.86 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,447.41 पर बंद हुआ।

Point of View

और यह संकेत देता है कि हमें सतर्क रहना चाहिए। समय रहते उचित निर्णय लेना हमारी जिम्मेदारी है।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय शेयर बाजार में लाल निशान का क्या मतलब है?
लाल निशान का मतलब होता है कि बाजार में गिरावट आ रही है, जिससे निवेशक चिंतित होते हैं।
क्या ईरान का संकट भारतीय बाजार को प्रभावित करेगा?
हां, ईरान का संकट वैश्विक आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बाजार की स्थिति का ध्यानपूर्वक अवलोकन करना चाहिए।
क्या हमें अभी निवेश करना चाहिए?
इस समय निवेश करने से पहले बाजार की स्थिरता का इंतजार करना बेहतर हो सकता है।
क्या बाजार में और गिरावट हो सकती है?
हां, अगर स्थिति और बिगड़ती है तो बाजार में और गिरावट संभव है।