क्या मोदी सरकार ने देश में तेल और गैस की खोज के लिए एक मिलियन स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र खोला?

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क्या मोदी सरकार ने देश में तेल और गैस की खोज के लिए एक मिलियन स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र खोला?

सारांश

केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एक मिलियन स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र को तेल और गैस की खोज के लिए खोल दिया है। इस फैसले से आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की उम्मीद है।

Key Takeaways

  • मोदी सरकार ने एक मिलियन स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र को खोला।
  • यह क्षेत्र पहले हाइड्रोकार्बन खोज के लिए प्रतिबंधित था।
  • नई नीति से घरेलू उत्पादन के साथ-साथ आयात पर निर्भरता में कमी आएगी।
  • ओएएलपी में जटिलताओं को कम करने की दिशा में कई उपाय किए गए हैं।
  • भारत की ऊर्जा मांग में अगले दो दशकों में 25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।

नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को जानकारी दी कि नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत के 3.5 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर के तलछटी बेसिन में से एक मिलियन स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र को तेल एवं गैस की खोज के लिए खोला है, जो पहले हाइड्रोकार्बन खोज के लिए प्रतिबंधित था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण अब इस पूरे 'नो-गो' क्षेत्र को खोल दिया गया है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।"

उन्होंने आगे बताया कि खोज और उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए नए कानूनों और तेल और गैस खोज एवं उत्पादन (ईएंडपी) क्षेत्र में व्यापार को सरल बनाने के लिए कई उपाय किए गए हैं।

मोदी सरकार ने देश में तेल और गैस की खोज को तेजी देने के लिए पहले की नई खोज और लाइसेंसिंग नीति (एनईएलपी) को ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) से बदल दिया है।

ओएएलपी के माध्यम से सरकार की कोशिश तेल और गैस क्षेत्र में जटिलताओं को कम करना भी है।

मंत्री ने कहा कि ओएएलपी की नौंवी बोली में नए खोले गए क्षेत्रों के लिए लगभग 38 प्रतिशत बोलियां आईं, जबकि ओएएलपी दसवीं बोली के अगले चरण में यह आंकड़ा बढ़कर 75 प्रतिशत हो सकता है।

उन्होंने बताया कि ओएएलपी की दसवीं बोली प्रक्रिया भारत का अब तक का सबसे बड़ा राउंड है, जिसमें देश के 13 तलछटी बेसिनों में तेल और गैस खोज के लिए 25 ब्लॉकों की पेशकश की गई है, जो 1,91,986.21 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं।

केंद्रीय ने बताया कि इनमें से छह हाइड्रोकार्बन खोज ब्लॉक भूमि पर हैं, छह अपतटीय उथले पानी में हैं, एक गहरे पानी में है, और 12 अत्यंत गहरे पानी वाले क्षेत्रों में हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले दो दशकों में दुनिया की ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत की वृद्धि भारत से होगी।

Point of View

बल्कि भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलेगी।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या यह क्षेत्र पहले से हाइड्रोकार्बन खोज के लिए प्रतिबंधित था?
हाँ, यह क्षेत्र पहले हाइड्रोकार्बन खोज के लिए प्रतिबंधित था, जिसे अब खोला गया है।
ओएएलपी का क्या महत्व है?
ओएएलपी का उद्देश्य तेल और गैस क्षेत्र में जटिलताओं को कम करना और व्यापार को सरल बनाना है।
इस नई नीति से भारत को क्या लाभ होगा?
इस नीति से घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।