क्या भारत का एआई टैलेंट बेस 2027 तक दोगुना होगा?

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क्या भारत का एआई टैलेंट बेस 2027 तक दोगुना होगा?

सारांश

भारत का एआई टैलेंट बेस 2027 तक दोगुना होने की संभावना है, जो देश में एआई क्षेत्र में तेजी से विकास को दर्शाता है। यह भारतीय डेवलपर्स की वैश्विक भागीदारी को भी रेखांकित करता है। जानें कैसे सरकार और उद्योग मिलकर इसे संभव बना रहे हैं।

Key Takeaways

  • भारत का एआई टैलेंट बेस 2027 तक दोगुना होने की संभावना है।
  • सरकार द्वारा एआई कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  • भारत की एआई रणनीति में रोजगार सृजन का लक्ष्य है।
  • अश्विनी वैष्णव ने इंडियाएआई मिशन के महत्व को बताया।
  • भारत में एआई प्रोजेक्ट्स में बढ़ती भागीदारी है।

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का एआई टैलेंट बेस 2027 तक दोगुना होने की संभावना है, जैसा कि उद्योग के आकलनों में बताया गया है।

देश में एआई टैलेंट का बढ़ता आधार वैश्विक डेवलपर्स में भारतीयों की बढ़ती भागीदारी को भी दर्शाता है। गिटहब एआई प्रोजेक्ट्स में भारत 2024 में दूसरे स्थान पर था और कुल एआई प्रोजेक्ट्स में इसकी हिस्सेदारी 19.9 प्रतिशत थी।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, "यह भारत के एआई डेवलपर इकोसिस्टम की गहराई को उजागर करता है। यह इंडियाएआई मिशन के तहत बड़े पैमाने पर एआई कौशल विकास, अनुसंधान और नवाचार पर सरकार के ध्यान को प्रमाणित करता है।"

भारत की एआई रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टेक्नोलॉजी के लोकतंत्रीकरण के दृष्टिकोण पर आधारित है। इसका उद्देश्य भारत केंद्रित चुनौतियों का समाधान करना और एआई में अवसर एवं रोजगार उत्पन्न करना है।

एआई से संबंधित नौकरियां आईटी, विनिर्माण, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, प्रशासन आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई हैं। इन क्षेत्रों में एआई के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ कुशल पेशेवरों की मांग भी बढ़ रही है।

भारत सरकार इस बात को समझती है और उसने अपनी एआई पहलों को इसी दिशा में संरेखित किया है। भारत के एआई कार्यबल के बारे में वैश्विक आकलन में भी यह बात झलकती है।

'स्टैनफोर्ड एआई इंडेक्स रिपोर्ट 2025' के अनुसार, भारत एआई टैलेंट अधिग्रहण में विश्व में अग्रणी है, जिसकी वार्षिक भर्ती दर लगभग 33 प्रतिशत है और एआई स्किल फैलाने में वैश्विक स्तर पर शीर्ष देशों में शामिल है।

2016 से लेकर अब तक देश में एआई टैलेंट का केंद्रीकरण तीन गुना से अधिक बढ़ गया है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल में भारत शीर्ष तीन देशों में है, जो एआई टैलेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर में इसकी बढ़ती ताकत को दर्शाता है।

सरकार की विभिन्न पहलें एआई प्रतिभाओं के विकास में योगदान करती हैं, जैसे 'इंडियाएआई फ्यूचरस्किल्स', जो इंडियाएआई मिशन के प्रमुख स्तंभों में से एक है और जिसका मुख्य उद्देश्य एआई प्रतिभाओं और अनुसंधान को विकसित करना है।

सरकार एआई से संबंधित कार्यों के लिए 500 पीएचडी शोधार्थियों, 5,000 स्नातकोत्तर छात्रों और 8,000 स्नातक छात्रों को सहायता प्रदान कर रही है।

एनआईईएलआईटी के माध्यम से टियर-2 और टियर-3 शहरों में इंडियाएआई डेटा और एआई लैब स्थापित की गई हैं, जहां एआई, डेटा संकलन, एनोटेशन, डेटा क्लीनिंग और एप्लाइड डेटा साइंस में पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं।

इसके अलावा, मंत्री के अनुसार, 27 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 174 आईटी संस्थानों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को अतिरिक्त इंडियाएआई डेटा और एआई लैब स्थापित करने की मंजूरी दी गई है।

Point of View

जो कि न केवल देश की तकनीकी क्षमता को विकसित कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारतीयों की भागीदारी को बढ़ा रहा है। AI में सरकार के प्रयासों और निजी क्षेत्र के सहयोग से, भारतीय युवा नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत में एआई टैलेंट बेस कैसे विकसित हो रहा है?
भारत में एआई टैलेंट बेस तेजी से बढ़ रहा है, जो कि सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से संभव हो रहा है।
क्या भारत 2027 तक एआई में अग्रणी होगा?
हाँ, भारत की योजना है कि वह 2027 तक एआई टैलेंट बेस को दोगुना करे, जिससे यह वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सके।
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