क्या भारत की फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री का राजस्व वित्त वर्ष 27 तक बढ़ेगा?

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क्या भारत की फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री का राजस्व वित्त वर्ष 27 तक बढ़ेगा?

सारांश

भारत में फ्लेक्सी वर्कफोर्स के विकास की कहानी में एक नई रिपोर्ट आई है, जो दर्शाती है कि वित्त वर्ष 27 तक यह 91.6 लाख तक पहुंच सकता है। क्या यह आंकड़ा सच हो सकेगा? जानिए इस रिपोर्ट में और क्या कुछ है।

Key Takeaways

  • फ्लेक्सी वर्कफोर्स का आकार वित्त वर्ष 27 तक 91.6 लाख होने की उम्मीद है।
  • इस उद्योग का राजस्व 2,58,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
  • युवा वर्कफोर्स में 71 प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु के हैं।
  • महिलाओं की भागीदारी 26 प्रतिशत है।
  • बैंकिंग, लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग प्रमुख क्षेत्र हैं।

नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के फ्लेक्सी वर्कफोर्स के वित्त वर्ष 27 तक 12.6 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़कर 91.6 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

भारतीय स्टाफिंग फेडरेशन (आईएसएफ) द्वारा संकलित आंकड़े इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री आने वाले वर्षों में औपचारिक रोजगार को आकार देने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा, जिसे आर्थिक सुधार और विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती मांग का समर्थन प्राप्त होगा।

आईएसएफ की 'इंडियन फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री 2025: एम्प्लॉयमेंट ग्रोथ - सेक्टर एंड स्टेट एनालिसिस' शीर्षक वाली रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री का राजस्व वित्त वर्ष 27 तक लगभग 2,58,000 करोड़ रुपए (लगभग 24 अरब डॉलर) तक पहुंच जाएगा, जो 17.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा।

वित्त वर्ष 26 तक इस बाजार के 2,20,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। यह वृद्धि दर्शाती है कि कंपनियां आगे बने रहने, अनुपालन बोझ कम करने और स्किल्ड टैलेंट तक शीघ्रता से पहुंचने के लिए कॉन्ट्रैक्ट और अस्थायी कर्मचारियों पर अधिकाधिक निर्भर हो रही हैं।

वर्तमान में, भारत फ्लेक्सी वर्कफोर्स साइज के मामले में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है। वित्त वर्ष 25 में देश का त्रिपक्षीय वर्कफोर्स 72 लाख तक पहुंच गया, जो कुल वर्कफोर्स का 1.3 प्रतिशत है।

महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना मिलकर इस वर्कफोर्स का लगभग 55 प्रतिशत हिस्सा हैं, जबकि कोयंबटूर, मैसूर, इंदौर, भोपाल और सूरत जैसे टियर-2 और टियर-3 शहर नियुक्ति के प्रमुख केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं।

सेक्टर-वाइज, लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेस (बीएफएसआई) और मैन्युफैक्चरिंग मिलकर देश के फॉर्मल कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ के लगभग 38 प्रतिशत को रोजगार देते हैं।

इस बीच, ई-कॉमर्स सेक्टर ने पिछले पांच वर्षों में फ्लेक्सी हायरिंग में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है, जिसकी औसत वार्षिक वृद्धि लगभग 20 प्रतिशत है।

फिनटेक भी एक मजबूत योगदानकर्ता के रूप में उभरा है। कुल मिलाकर, 80 प्रतिशत वर्कफोर्स आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, रिटेल, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा सहित 12 प्रमुख क्षेत्रों से आता है।

आईएसएफ के अध्यक्ष लोहित भाटिया ने कहा कि फ्लेक्सी स्टाफिंग का बढ़ना देश भर में औपचारिक रोजगार के बढ़ते स्वरूप का संकेत है।

उन्होंने बताया कि टियर-2 और टियर-3 शहर अस्थायी कर्मचारियों को मान्यता प्राप्त रोजगार, उचित वेतन, वार्षिक प्रोत्साहन और स्वास्थ्य बीमा जैसे लाभ प्रदान कर रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, इस रुझान को भारत के युवा वर्कफोर्स द्वारा भी आकार दिया जा रहा है।

फ्लेक्सी नौकरियों की तलाश करने वालों में से लगभग 71 प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु के हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में महिलाओं की भागीदारी 26 प्रतिशत थी।

Point of View

जिसमें कंपनियां अस्थायी कर्मचारियों पर अधिक निर्भर हो रही हैं। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर तैयार हो रहे हैं, बल्कि यह युवा वर्कफोर्स के लिए भी बेहतर संभावनाएं उत्पन्न कर रहा है।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत में फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री का वर्तमान आकार क्या है?
फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री का वर्तमान आकार लगभग 72 लाख है।
फ्लेक्सी स्टाफिंग का भविष्य कैसा दिखता है?
रिपोर्ट के अनुसार, फ्लेक्सी स्टाफिंग का भविष्य उज्ज्वल है, और यह 2,58,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।
फ्लेक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री में कौन से क्षेत्र प्रमुख हैं?
लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेस और मैन्युफैक्चरिंग प्रमुख क्षेत्र हैं।
क्या युवा इस क्षेत्र में भाग ले रहे हैं?
जी हां, लगभग 71 प्रतिशत फ्लेक्सी नौकरियों की तलाश करने वाले युवा हैं।
महिलाओं की भागीदारी कितनी है?
पिछले वित्त वर्ष में महिलाओं की भागीदारी 26 प्रतिशत थी।