क्या भारत के वेयरहाउसिंग सेक्टर में 2025 की तीसरी तिमाही में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई?
सारांश
Key Takeaways
- भारत में वेयरहाउसिंग सेक्टर में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- मैन्युफैक्चरिंग ने इस वृद्धि का नेतृत्व किया।
- ई-कॉमर्स में 137 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- लीजिंग गतिविधि 49.2 मिलियन स्क्वायर फीट तक पहुंच गई।
- ग्रेड ए फैसिलिटी का 61 प्रतिशत का योगदान है।
मुंबई, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के वेयरहाउसिंग सेक्टर में 2025 की तीसरी तिमाही में 16 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सितंबर तिमाही में 17.1 मिलियन स्क्वायर फीट का अब्सॉर्प्शन दर्ज किया गया। यह बात गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई।
अंतरराष्ट्रीय प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार, लीजिंग गतिविधि 49.2 मिलियन स्क्वायर फीट तक पहुंच गई है, जो सालाना आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। इस प्रदर्शन के साथ, यह क्षेत्र अगले रिकॉर्ड वर्ष की ओर अग्रसर है।
एफएमसीजी और एफएमसीडी को छोड़कर, मैन्युफैक्चरिंग ऑक्यूपायर्स ने सबसे बड़े मांग बढ़ाने वाले बने, जिन्होंने 2025 की तीसरी तिमाही में कुल ट्रांजैक्शन में 44 प्रतिशत का योगदान दिया। इस क्षेत्र ने 2025 के पहले 9 महीनों में सालाना आधार पर 56 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की।
रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत घरेलू मांग, सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन और नीति-आधारित औद्योगिक विस्तार ने मैन्युफैक्चरिंग, थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) और ई-कॉमर्स ऑक्यूपायर्स को गति प्रदान की।
ऑक्यूपायर्स के लिए ग्रेड ए फैसिलिटी एक पसंदीदा विकल्प बनी हुई हैं, जिसने वर्ष 2025 में कुल लीज पर लिए गए स्पेस के 61 प्रतिशत का योगदान दिया। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में ग्रेड ए फैसिलिटी का योगदान 58 प्रतिशत था।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, "मैन्युफैक्चरिंग के विस्तार, सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन और बेहतर लॉजिस्टिक्स एफिशिएंसी जैसे मूलभूत बदलावों के कारण भारत का औद्योगिक और वेयरहाउसिंग परिदृश्य लगातार मजबूत हो रहा है।"
ई-कॉमर्स क्षेत्र में अद्वितीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 2025 की तीसरी तिमाही में 2.5 मिलियन स्क्वायर फीट की लीजिंग रिकॉर्ड की गई, जो सालाना आधार पर 137 प्रतिशत की शानदार वृद्धि है।
इसके अलावा, सभी बाजारों में किराए में वृद्धि सकारात्मक रही, जिसे ऑक्यूपायर गतिविधियों, विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की मजबूत गतिविधियों से समर्थन मिला।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकारी पहलों से मिल रहे समर्थन के साथ मैन्युफैक्चरिंग आउटलुक मजबूत बना हुआ है। कंपनियां लगातार सप्लाई चेन में विविधता ला रही हैं और अपना उत्पादन भारत में स्थानांतरित कर रही हैं।