क्या तिमाही नतीजे, एफआईआई, महंगाई और आर्थिक आंकड़ों से अगले हफ्ते बाजार का रुझान तय होगा?

सारांश
Key Takeaways
- अगला हफ्ता बाजार के लिए महत्वपूर्ण है।
- तिमाही नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे।
- महंगाई के आंकड़े 12 अगस्त को जारी होंगे।
- निफ्टी का अगला सपोर्ट 24,000 है।
- गिरावट का कारण टैरिफ और आय की चिंताएं हैं।
मुंबई, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है। भारत-अमेरिका ट्रेड डील के अपडेट, तिमाही नतीजे, एफआईआई, महंगाई और आर्थिक आंकड़ों से बाजार की दिशा निर्धारित होगी।
भारत सरकार 12 अगस्त को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी करेगी। इसके अलावा, 11 से 14 अगस्त के बीच एस्ट्रल, बजाज कंज्यूमर केयर, बाटा इंडिया, बीईएमएल, सेलो, डॉलर, एबॉट इंडिया, बजाज हिंदुस्तान सुगर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, मिंडा कॉरपोरेशन, एमआरएफ, एनएसडीएल, एनएमडीसी, ओएनजीसी और डीबी रियल्टी जैसी कंपनियों के वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के नतीजे सामने आएंगे।
वैश्विक स्तर पर 15 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली बैठक पर सबकी नजरें रहेंगी, जो कि रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने में मददगार हो सकती है। हालांकि, स्वतंत्रता दिवस के कारण भारतीय शेयर बाजार इस दिन बंद रहेंगे।
पिछले हफ्ते, भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर देखा गया। इस दौरान निफ्टी 202.05 अंक या 0.82 प्रतिशत गिरकर 24,363.20 और सेंसेक्स 742.12 अंक या 0.92 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 79,857.79 पर बंद हुआ।
4-8 अगस्त के कारोबारी सत्र में फार्मा और एफएमसीजी इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई, जबकि ऑटो, पीएसयू बैंक, मेटल, मीडिया और कमोडिटीज हरे निशान में बंद हुए।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, "अमेरिका में टैरिफ दरों में भारी वृद्धि और कमजोर तिमाही आय ने बाजार के विश्वास को कम किया है। विशेषकर अमेरिका में महत्वपूर्ण निवेश वाले फार्मा शेयरों में एफआईआई की निरंतर बिकवाली इस सतर्क दृष्टिकोण को दर्शाती है। भारतीय रुपए का निरंतर अवमूल्यन भी निवेशकों की चिंता बढ़ा रहा है।"
स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीना ने कहा कि निफ्टी ने 24,500 का एक अहम सपोर्ट लेवल तोड़ दिया है और अब इसके लिए अगला सपोर्ट 24,000 है। अगर यहां से गिरावट होती है तो 23,880 के लेवल भी आ सकते हैं। तेजी की स्थिति में 24,600 रुकावट का स्तर होगा।