क्या आरबीआई की एमपीसी बैठक और अमेरिकी टैरिफ से शेयर बाजार का रुख तय होगा?

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क्या आरबीआई की एमपीसी बैठक और अमेरिकी टैरिफ से शेयर बाजार का रुख तय होगा?

सारांश

भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं जहाँ आरबीआई की मीटिंग और अमेरिकी टैरिफ का असर देखने को मिलेगा। जानिए निवेशकों में क्या हलचल मची है और बाजार की दिशा क्या होगी।

Key Takeaways

  • आरबीआई की एमपीसी बैठक में दरों में कटौती की उम्मीद है।
  • अमेरिकी डॉलर की मजबूती से उभरते बाजारों पर दबाव बढ़ा है।
  • विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बड़ी मात्रा में निकासी की है।

मुंबई, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, क्योंकि विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारक निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित कर रहे हैं।

हाल के सत्रों में बिकवाली के दबाव का सामना करने के कारण, बाजार वैश्विक जोखिमों, कमजोर कॉर्पोरेट आय और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निरंतर निकासी के चलते दबाव में है।

पिछले शुक्रवार को सेंसेक्स 0.72 प्रतिशत गिरकर 80,599.91 पर आ गया, जबकि निफ्टी 50 0.82 प्रतिशत गिरकर 24,565.35 पर बंद हुआ। इस सप्ताह, दोनों बेंचमार्क सूचकांकों में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो पिछले पांच सप्ताहों में सबसे लंबी गिरावट है।

8 अगस्त को होने वाले निर्णय के लिए सभी की निगाहें आरबीआई की एमपीसी बैठक पर होंगी, जो 4-6 अगस्त के लिए निर्धारित है। इस बैठक में हॉलिडे सीजन से पहले ऋण विस्तार को बढ़ावा देने के लिए 25 आधार अंकों की दर में कटौती की उम्मीद की जा रही है।

अमेरिकी डॉलर की मूल्य वृद्धि ने वैश्विक स्तर पर उभरते बाजारों पर और भी दबाव

पिछले सप्ताह, डॉलर सूचकांक में लगभग तीन वर्षों में सबसे बड़ी साप्ताहिक वृद्धि देखी गई, जो 2.5 प्रतिशत बढ़कर 100 के स्तर को पार कर गया। एक मजबूत डॉलर ने उधारी को महंगा कर दिया है, जिससे पूंजी के पलायन की चिंता बढ़ी है।

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने नौ सत्रों में 27,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है, जिसमें अकेले गुरुवार को 5,588.91 करोड़ रुपये शामिल हैं। लॉन्ग-टू-शॉर्ट रेश्यो घटकर 0.11 रह जाने और इंडेक्स फ्यूचर्स में शॉर्ट इंटरेस्ट 90 प्रतिशत तक पहुंच जाने के कारण बियरिश रुख बढ़ गया है।

पहली तिमाही की कमजोर आय के कारण दबाव और बढ़ गया है। प्रमुख बैंकों ने मामूली लाभ वृद्धि दर्ज की है, जिससे समग्र धारणा प्रभावित हुई है और निफ्टी आईटी सूचकांक पिछले महीने 10 प्रतिशत गिर गया है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसके अतिरिक्त, अमेरिका ने रूस के साथ रक्षा उपकरणों और कच्चे तेल के व्यापार पर भारत के लिए एक अतिरिक्त दंड भी लगाया है, जिससे मार्केट सेंटीमेंट प्रभावित हुआ है।

Point of View

हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि भारतीय शेयर बाजार की स्थिति वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से कैसे प्रभावित हो रही है। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और नवीनतम घटनाओं पर नज़र रखनी चाहिए ताकि वे समझ सकें कि उनके निवेश पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई की एमपीसी बैठक क्या है?
आरबीआई की एमपीसी बैठक वह बैठक है जिसमें मौद्रिक नीति के फैसले लिए जाते हैं, जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं।
अमेरिकी टैरिफ का भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव है?
अमेरिकी टैरिफ भारतीय उत्पादों की लागत बढ़ा सकते हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता पैदा हो सकती है।
विदेशी निवेशकों की निकासी का क्या अर्थ है?
विदेशी निवेशकों की निकासी का मतलब है कि वे अपने निवेश को निकाल रहे हैं, जिससे बाजार में और गिरावट आ सकती है।