क्या एनसीएच पर हर महीने एक लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हो रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास मजबूत हो रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- एनसीएच ने उपभोक्ता शिकायतों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि की है।
- तकनीकी संसाधनों के उपयोग से कार्यक्षमता में सुधार हुआ है।
- डिजिटल माध्यमों से शिकायतें दर्ज करने की प्रवृत्ति बढ़ी है।
- कंपनियों के साथ सहयोगी तंत्र मजबूत हुआ है।
- एनसीएच ने उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा और निष्पक्ष व्यापारिक व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में अपनी पहचान बनाई है। एनसीएच समय पर शिकायतों का समाधान कर उपभोक्ताओं, कंपनियों और अधिकारियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही, एनसीएच तकनीकी संसाधनों का उपयोग कर व्यक्तियों को लंबी कानूनी प्रक्रियाओं के बिना न्याय प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तकनीकी संसाधनों के उपयोग से हेल्पलाइन की पहुंच और कार्यक्षमता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। कॉल की संख्या दस गुना से अधिक बढ़ गई है।
कॉल की संख्या दिसंबर 2015 में 12,553 से बढ़कर दिसंबर 2024 में 1,55,138 हो गई है। वहीं, मासिक शिकायत पंजीकरण की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2025 में 1,70,585 हो गई है।
इसी तरह, कन्वर्जेंस पार्टनर की संख्या 2017 में 263 से बढ़कर सितंबर 2025 तक 1,142 कंपनियों तक पहुंच गई है। इससे समय पर शिकायत निवारण के लिए सहयोगी तंत्र मजबूत हुआ है।
कन्वर्जेंस पहल के तहत, कंपनियां स्वैच्छिक और निःशुल्क आधार पर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के साथ साझेदारी करती हैं ताकि ग्राहकों की शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जा सके। शिकायतें तुरंत भेजी जाती हैं और कंपनियों से 30 दिनों के भीतर जवाब देने की अपेक्षा की जाती है।
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, डिजिटल माध्यमों की शुरुआत के साथ, हेल्पलाइन पर लगभग 65 प्रतिशत उपभोक्ता शिकायतें ऑनलाइन और डिजिटल माध्यमों से दर्ज की जाती हैं। वॉट्सऐप के माध्यम से शिकायत पंजीकरण में वृद्धि देखी गई है, जो मार्च 2023 में 3 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2025 में 20 प्रतिशत हो गई है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने जुलाई 2025 में 27 विभिन्न क्षेत्रों में 7,256 उपभोक्ता शिकायतों का समाधान कर 2.72 करोड़ रुपए के कुल रिफंड की सुविधा प्रदान की।
अप्रैल 2025 में 1079 उपभोक्ता शिकायतों के निपटारे के साथ 62 लाख रुपए के कुल रिफंड प्रदान किए गए थे। इसी तरह, जुलाई 2025 के लिए ई-कॉमर्स क्षेत्र में रिफंड से संबंधित शिकायतों की सबसे बड़ी संख्या थी। इसमें 3,594 मामलों के परिणामस्वरूप 1.34 करोड़ रुपए का रिफंड हुआ।
केंद्र के अनुसार, नेक्स्ट जेन जीएसटी सुधार 2025 के कार्यान्वयन के बाद से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर 2 अक्टूबर 2025 तक जीएसटी मुद्दों से संबंधित 3,981 कॉल दर्ज की गई। इनमें से 31 प्रतिशत प्रश्न थे और 69 प्रतिशत औपचारिक शिकायतें थीं, जिन पर आगे की कार्रवाई के लिए विचार किया गया।
कुल शिकायतों में से 1,992 शिकायतों को आगे की कार्रवाई के लिए सीबीआईसी को भेज दिया गया है, जबकि 761 शिकायतों को सीधे समाधान के लिए संबंधित कन्वर्जेंस पार्टनर कंपनियों को तत्काल भेज दिया गया है।