क्या पूर्वोत्तर भारत-फ्रांस सहयोग के नए क्षेत्र के रूप में उभर रहा है? : ज्योतिरादित्य सिंधिया

Click to start listening
क्या पूर्वोत्तर भारत-फ्रांस सहयोग के नए क्षेत्र के रूप में उभर रहा है? : ज्योतिरादित्य सिंधिया

सारांश

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुवाहाटी में भारत-फ्रांस पूर्वोत्तर निवेश फोरम में कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र तेजी से भारत-फ्रांस सहयोग का नया केंद्र बन रहा है। यह साझेदारी न केवल व्यापारिक है, बल्कि विश्वास और सहयोग पर आधारित है। जानें इस क्षेत्र की नई संभावनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत-फ्रांस सहयोग पूर्वोत्तर को नया विकास केंद्र बना रहा है।
  • केंद्रीय मंत्री ने निवेश फोरम को विजन और उद्यम का सेतु बताया।
  • 6.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो रहा है।
  • फ्रांसीसी कंपनियाँ हरित ऊर्जा और विमानन में परिवर्तन कर रही हैं।
  • पूर्वोत्तर अब भूमि से जुड़ा और भविष्य के लिए तैयार है।

गुवाहाटी, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को यहाँ भारत-फ्रांस पूर्वोत्तर निवेश फोरम में भाग लिया।

उन्‍होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि पूर्वोत्तर तेजी से भारत-फ्रांस सहयोग के नए क्षेत्र के रूप में उभर रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने इस फोरम को ‘विजन और उद्यम के बीच एक सेतु’ बताया, जो भारत और फ्रांस के बीच स्थायी साझेदारी का जश्न मनाता है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी केवल संधियों से नहीं, बल्कि विश्वास से भी बंधी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत-फ्रांस संबंध दुनिया की सबसे व्यापक रणनीतिक साझेदारियों में से एक बन गए हैं, जिसमें ‘रणनीति को आत्मा से और नवाचार को समावेशिता से’ जोड़ा गया है।

सिंधिया ने यहाँ एक कार्यक्रम में कहा कि रक्षा और अंतरिक्ष सहयोग से लेकर स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन और टिकाऊ शहरों तक, यह साझेदारी वैश्विक प्रगति के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (2015), स्मार्ट शहरों और शहरी बुनियादी ढांचे में सहयोग, आत्मनिर्भर भारत के साथ राफेल साझेदारी, और पेरिस के एफिल टॉवर (2024) में यूपीआई का शुभारंभ शामिल है, जिसने भारत की फिनटेक क्रांति को यूरोप तक पहुंचाया।

सिंधिया ने कहा, “आज, हम उस प्रकाश को भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र तक पहुंचा रहे हैं, जो तेजी से भारत-फ्रांस सहयोग के नए क्षेत्र के रूप में उभर रहा है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि कभी चारों ओर से भूमि से घिरा हुआ माना जाने वाला यह क्षेत्र अब ‘भूमि से जुड़ा हुआ और भविष्य के लिए तैयार’ है।

भारत सरकार के 10 प्रतिशत जीबीएस आवंटन के तहत 6.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ, इस क्षेत्र में 6,500 किलोमीटर नई सड़कों, 900 किलोमीटर रेलमार्गों और 17 हवाई अड्डों के संचालन के साथ-साथ भारतनेट के तहत 96 प्रतिशत गांवों को जोड़ा गया है।

सिंधिया ने मौजूदा फ्रांसीसी भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए टोटल एनर्जीज, एयरबस, डसॉल्ट सिस्टम्स, डेकाथलॉन और पीओएमए जैसे फ्रांसीसी नेतृत्व का उदाहरण दिया, जो पहले से ही हरित ऊर्जा, विमानन, डिजाइन नवाचार, खुदरा और टिकाऊ गतिशीलता के क्षेत्र में परिवर्तन को आकार दे रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पूर्वोत्तर भारत में भारत-फ्रांस सहयोग का विस्तार केवल आर्थिक विकास के लिए नहीं, बल्कि इस क्षेत्र की समग्र प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। यह साझेदारी स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत-फ्रांस पूर्वोत्तर निवेश फोरम का उद्देश्य क्या है?
यह फोरम भारत और फ्रांस के बीच निवेश और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश की संभावनाएँ क्या हैं?
पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, हरित ऊर्जा और टिकाऊ विकास के लिए कई निवेश संभावनाएँ हैं।