क्या 2025 में भारत में हवाई यात्रियों की संख्या 25 करोड़ तक पहुँच जाएगी?: राम मोहन नायडू

सारांश
Key Takeaways
- हवाई यात्रियों की संख्या 2025 तक 25 करोड़ हो सकती है।
- हिंडन हवाई अड्डा अब 16 शहरों से जुड़ चुका है।
- यात्री सेवा दिवस का शुभारंभ किया गया है।
- डिजिटल इंडिया मिशन के तहत वाई-फाई की सुविधा बढ़ेगी।
- आत्मनिर्भर भारत का विमानन पर सकारात्मक असर होगा।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि देश में 2025 तक हवाई यात्रियों की संख्या बढ़कर लगभग 25 करोड़ हो सकती है, जबकि 2014 में यह संख्या केवल 11 करोड़ थी।
उदाहरण देते हुए उन्होंने हिंडन हवाई अड्डे की बात की, जहां 2020 में केवल एक उड़ान थी, अब यह देश के 16 शहरों से जुड़ गया है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
हिंडन हवाई अड्डे से अखिल भारतीय 'यात्री सेवा दिवस 2025' का शुभारंभ करते हुए, नायडू ने कहा कि यह पहल सभी यात्रियों को सर्वोत्तम यात्रा अनुभव और विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने के सरकार के प्रयासों को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में शासन की अवधारणा को नया रूप दिया है और इसे जनसेवा में समर्पित किया है। इसी दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, हम विमानन क्षेत्र में प्रत्येक यात्री को प्राथमिकता देने के साथ-साथ प्रत्येक यात्रा को समर्पित भाव से सेवा का अवसर मानते हैं।”
नायडू ने कहा, “यात्री हमारे तेजी से बढ़ते विमानन इकोसिस्टम की धड़कन हैं। इसीलिए हमने यात्री सेवा दिवस की शुरुआत की है।”
उन्होंने यह भी कहा, “यह हमारे लिए विकास का उत्सव है और साथ ही, प्रत्येक यात्रा को निर्बाध और सम्मानजनक बनाने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि भी है, जो प्रधानमंत्री के राष्ट्र प्रथम के मार्गदर्शक सिद्धांत में निहित यात्री प्रथम की भावना को आगे बढ़ाता है।”
नायडू ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, नागर विमानन उच्च वर्ग की यात्रा के साधन से आम जनता की यात्रा में परिवर्तित हो गया है।”
दूरदर्शी क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान के सहयोग से, अब देश में हवाई यात्रा अधिक सुलभ और सस्ती हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन के तहत बहुत जल्द देश भर के सभी हवाई अड्डे वाई-फाई से लैस हो जाएंगे, जिससे यात्रियों के अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के गतिशील नेतृत्व में, हम आत्मनिर्भर भारत की नींव पर निर्मित, विकसित भारत का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इसके लिए, विमानन उद्योग के सभी हितधारकों और विशेष रूप से यात्रियों को हमारे लिए स्थानीय उत्पादों के लिए मुखर होने की आवश्यकता है।"
—राष्ट्र प्रेस
एबीएस/