क्या जामनगर में गरबा कलश की मांग में इजाफा हो रहा है? इंदौर में विधायक ने क्या कहा?

सारांश
Key Takeaways
- गरबा कलश की मांग में वृद्धि हुई है।
- इको-फ्रेंडली विकल्पों की लोकप्रियता बढ़ रही है।
- विधायक की सुरक्षा के लिए अपील महत्वपूर्ण है।
- गरबा कलश की कीमत ₹50 से लेकर ₹4000 तक हो सकती है।
- विशेष सजावट वाले गरबा कलश की मांग अधिक है।
जामनगर/इंदौर, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे-जैसे नवरात्रि का त्योहार नजदीक आ रहा है, गुजरात के जामनगर में गरबा कलश बनाने का कार्य तेजी से आरंभ हो गया है। नवरात्रि उत्सव में गरबा कलश को सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के साथ स्थापित किया जाता है। लोग अब से ही अपने घरों और गरबा स्थलों के लिए गरबा के ऑर्डर देना प्रारंभ कर चुके हैं।
पहले के समय में गरबा केवल लाल रंग के होते थे, लेकिन अब इनमें अनेक प्रकार की कारीगरी और रंग देखने को मिलते हैं। लोग अब पारंपरिक और अनूठे डिजाइन के गरबा कलश पसंद कर रहे हैं, जो मोतियों, शंख, सीपियों और हीरे के पत्थरों से सजाए जाते हैं।
जामनगर की नेना तुषार प्रजापति ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए बताया कि हम लोग दो महीने पहले से ही गरबा बनाना शुरू कर देते हैं। हम कच्चा माल लाकर इसे बनाते हैं। प्रकृति के अनुकूल रंग तैयार किए जाते हैं।
उन्होंने कहा, "जब नवरात्रि आती है, तो पूरे गुजरात में त्योहार जैसा माहौल बन जाता है। गरबा इस राज्य में बहुत प्रसिद्ध है।" अभी तक हमने लंदन, अमेरिका, दुबई और सऊदी अरब सहित कई देशों में गरबा भेजा है।
उन्होंने बताया कि उनकी मेहनत का परिणाम है कि गरबा कलश ₹50 से लेकर ₹1000 तक में बिकते हैं। यदि कोई विशेष ऑर्डर दिया जाता है तो कीमत ₹4000 तक भी पहुंच जाती है। इस वर्ष बाजार में कांगड़ी और पुराने कारीगरी वाले गरबा की खास पसंद की जा रही है।
इसके अलावा, इको-फ्रेंडली गरबा भी लोगों को बहुत भा रहे हैं। पिछले 15 वर्षों से मिट्टी से बने गरबा बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि इस साल टिकी और आभाला पत्थर वाले गरबा की मांग सबसे अधिक है।
वहीं, मध्य प्रदेश में नवरात्रि महोत्सव की शुरुआत से पहले इंदौर के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला ने शहरवासियों और आयोजकों से एक महत्वपूर्ण अपील की है।
उन्होंने कहा है कि गरबा पांडालों में प्रवेश देने से पहले हर आने वाले व्यक्ति के पहचान पत्र, विशेष रूप से आधार कार्ड की जांच की जाए। इसका सख्ती से पालन कराने से सुरक्षा और व्यवस्था बनी रहेगी और बहन-बेटियां सुरक्षित वातावरण में गरबा कर पाएंगी।