क्या चमोली आपदा ने फिर से तबाही मचाई है?

सारांश
Key Takeaways
- चमोली में भारी बारिश ने तबाही मचाई।
- प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है।
- 10 लोग लापता हैं।
- भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।
- स्थानीय निवासी सुरक्षित स्थान पर रहने को मजबूर हैं।
चमोली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बुधवार की रात हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटना ने भयंकर तबाही का मंजर पेश किया है। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए, ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना की और राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
स्थानीय निवासियों ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि बारिश के बहाव में उनके जानवर, गौशाला और घर बह गए हैं। अब उनके पास कुछ भी शेष नहीं बचा है। उनके क्षेत्र में सभी का घर पानी में डूब गया है, यहां तक कि मार्केट भी बर्बाद हो गई है।
लोगों ने कहा कि बादल फटने के बाद से स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। बाढ़ के कारण पूरे क्षेत्र में तबाही फैली हुई है।
बारिश के कारण सभी रास्ते बंद हो गए हैं। लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं जा पा रहे हैं। उन्हें सुरक्षित स्थान पर ठहरने की सलाह दी गई है। प्रशासन निरंतर उनकी सहायता कर रहा है।
चमोली के नंदानगर से 10 लोग लापता हैं, जिनमें ग्राम कुंतरी के कुंवर सिंह, कांता देवी, विकास, विशाल, नरेंद्र सिंह, जगदंबा प्रसाद, भागा देवी और देवेश्वरी देवी शामिल हैं। इसके अलावा, धुरमा गांव के लापता लोगों में गुमान सिंह और ममता देवी भी हैं।
बुधवार की रात अचानक हुई बारिश ने नंदा नगर में भारी मलबा जमा कर दिया, जिससे छह इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।
मौसम विभाग ने भविष्य में चमोली में फिर से भारी बारिश की चेतावनी दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बादल फटने के बाद कई निवासी अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं।
अधिकारियों ने लापता लोगों का पता लगाने के लिए जमीनी टीमें तैनात की हैं, हालांकि भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है।
हादसे में 10 से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए हैं। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक चमोली, स्थानीय विधायक और अन्य अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया और आपदा के नुकसान का आकलन किया।