क्या अब डाकघरों में बीएसएनएल की सिम मिलेगी और रिचार्ज की सुविधा भी?

सारांश
Key Takeaways
- डाकघर अब बीएसएनएल सिम कार्ड्स की बिक्री करेंगे।
- रिचार्ज की सुविधा डाकघरों पर होगी।
- यह कदम डिजिटल विभाजन को कम करने में मदद करेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
- सुरक्षित लेनदेन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। डाक विभाग और सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत बीएसएनएल के सिम कार्ड्स की बिक्री और रिचार्ज सुविधा डाकघरों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल विभाजन को कम करना है।
सरकार ने बताया कि भारतीय डाक के 1.65 लाख डाकघर बीएसएनएल प्रीपेड सिम कार्ड और टॉप-अप सेवाओं के लिए बिक्री केंद्र के रूप में कार्य करेंगे। बीएसएनएल सिम स्टॉक और प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जबकि डाक विभाग नए ग्राहकों को जोड़ने और सुरक्षित तरीके से लेनदेन की सुविधा प्रदान करेगा।
असम में चले पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा रहा है।
इस पहल का लक्ष्य बीएसएनएल की दूरसंचार सेवाओं को विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए और अधिक सुलभ और किफायती बनाना है, जिन्हें अक्सर सीमित कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करना पड़ता है।
डाक विभाग की महाप्रबंधक (नागरिक केंद्रित सेवाएं और आरबी) मनीषा बंसल बादल ने कहा, "यह साझेदारी भारतीय डाक की विश्वसनीयता को बीएसएनएल की दूरसंचार विशेषज्ञता के साथ जोड़ती है, जिससे हर नागरिक को किफायती और सुलभ कनेक्टिविटी मिल सके।"
दोनों पक्ष मिलकर मजबूत निगरानी, मासिक मिलान और साइबर सुरक्षा एवं डेटा गोपनीयता के मानकों का पालन सुनिश्चित करेंगे।
बीएसएनएल के दूरसंचार बुनियादी ढांचे को भारतीय डाक की देशव्यापी उपस्थिति के साथ जोड़कर, यह साझेदारी नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के तालमेल में एक नया मानदंड स्थापित करती है।
बीएसएनएल ने हाल ही में आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए देश भर में मेक-इन-इंडिया, अत्याधुनिक 4जी मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया है।
इस वर्ष की शुरुआत में, केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीएसएनएल को विफलता के कगार से वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के रणनीतिक पुनरुद्धार कदमों को महत्व देते हुए कहा था कि इसे पिछली सरकार ने 'वेंटिलेटर सपोर्ट' पर छोड़ दिया था।