क्या वित्त वर्ष 26 का दूसरी तिमाही का अर्निंग सीजन उम्मीद से बेहतर साबित हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- मिड कैप सेगमेंट ने 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
- स्मॉलकैप में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- ऑयल और गैस सेक्टर में 79 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- निफ्टी की 27 कंपनियों ने परिणाम जारी किए हैं।
- एचडीएफसी बैंक और टीसीएस जैसे बड़ी कंपनियों ने अर्निंग में वृद्धि की।
मुंबई, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 26 का दूसरी तिमाही का अर्निंग सीजन उम्मीद से कहीं अधिक सकारात्मक साबित हुआ है। इंडस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश मिड कैप कंपनियों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है। हालांकि, स्मॉलकैप सेगमेंट में कुछ कमजोरी भी देखी गई है।
ब्रोकरेज कंपनी मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, जिन कंपनियों ने अपने तिमाही परिणामों की घोषणा की है, उनमें सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि अपेक्षाओं के अनुरूप है।
लार्ज कैप की अर्निंग में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि मिड कैप सेगमेंट ने 26 प्रतिशत का वृद्धि दिखाते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है। यह वृद्धि टेक्नोलॉजी, सीमेंट, मेटल, पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और नॉन-लीडिंग एनबीएफसी के योगदान से संभव हुई है।
डेटा के अनुसार, स्मॉलकैप सेगमेंट में 3 प्रतिशत का वृद्धि दिखाई दी है। प्राइवेट बैंक, नॉन-लीडिंग एनबीएफसी, टेक्नोलॉजी, रिटेल और मीडिया की वजह से इस सेगमेंट का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। 69 प्रतिशत स्मॉल कैप कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा। इसके विपरीत, लार्ज कैप में 84 प्रतिशत और मिड कैप में 77 प्रतिशत कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार रहा।
सेक्टोरल प्रदर्शन की बात करें तो ऑयल और गैस क्षेत्र में सबसे तेज वृद्धि देखी गई है। सरकारी फ्यूल रिटेलर्स ने अपने मुनाफे में लगभग नौ गुना की बढ़ोतरी की है, जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में 79 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। सीमेंट और कैपिटल गुड्स में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, टेक्नोलॉजी में 8 प्रतिशत और मेटल्स में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सभी ने मिलकर कुल प्रॉफिट ग्रोथ में 86 प्रतिशत का योगदान किया।
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक निफ्टी की 27 कंपनियों ने अपने तिमाही नतीजों की घोषणा की है, जिनमें एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, जेएसडब्ल्यू स्टील और इंफोसिस जैसी कंपनियों के कारण पिछले वर्ष की तुलना में 5 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है। इसके अलावा, कुल 7 निफ्टी कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कम रहे, जबकि 5 कंपनियों के परिणाम उम्मीद से बेहतर और 15 कंपनियों के नतीजे अपेक्षा के अनुरूप रहे।